हिन्दुओ की उदारता उनके खुद के आत्म-विनाश की तरफ खिंच रही है.
👍मुस्लिम देशाें में काेई मदर टेरेसा क्यों नहीं बनती ?
क्या सारी सेवा की आवश्यकता भारत को ही है ??
क्या सूडान, लीबिया, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, इराक, सऊदी अरब और सीरिया में गरीब नहीं हैं?
टेरेसा ने वहाँ पर "सेवा" क्यों नहीं की?
वहाँ वेटिकन वाले क्याें नहीं जाते ??
👍वेटिकन सिटी वालों में इतना साहस ही नहीं है कि वह मदर टेरेसा जैसी अपनी कर्मचारी मुस्लिम देशों में भेज सके।
👍मुस्लिम देश में सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन की अनुमति नहीं मिलेगी....,
👍फिर भी अगर वेटिकन ने पराेक्ष ताैर पर भी अपनी करतूत जारी रखी ताे फिर मुस्लिम देश वेंटिकन के स्टॉफ काे फाँसी पर लटका देगें।
😢हिन्दू धर्म बहुत उदार(?) है...
पता नहीं यह उदारता हमारी कमजोरी है या फिर कुछ और??
😊हमारे अंदर ही ऐसे "सेक्यूलर प्रगतिशील (कु)बुद्धिजीवी" लोग बिखरे पड़े हैं..जो हमारी जड़ों में मट्ठा डालते रहते हैं।
😊😊भारत में ही मदर टेरेसा क्यों?
👍हम ही आखिर क्यों मजारों पर जाते हैं??
😊यह हिन्दू धर्म की कमजोरी की निशानी नहीं तो और क्या है???
हिन्दू फूले नहीं समा रहे कि मदर टेरेसा संत घोषित हो गई है।
जबकि वेटिकन सिटी विश्व का सबसे छोटा कैथोलिक ईसाई देश है...जो न लोकतांत्रिक है न ही धर्मनिरपेक्ष।
हिन्दुओं ने सदैव सबको गले लगाया...,
किन्तु दु:ख मात्र इस बात का है कि जिन्हें हमने गले लगाया..वही आज हमारे गले पर छुरी फेरने को तैयार बैठे हैं।
😊😊हमारे जयचंद स्वयं इसमें उनकी सहायता कर रहे हैं।
👍बात चिंतन की है।।।
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