६०२२. लगाया दिल जो पत्थर से तो उसको टूटना ही था – ५ सितंबर २०१७

0 views
Skip to first unread message

Dr.M.C. Gupta

unread,
Sep 4, 2017, 10:27:31 AM9/4/17
to Hindienglishpoetry, hindibharat, काव्यांजलि

६०२२. लगाया दिल जो पत्थर से तो उसको टूटना ही था --५ सितंबर २०१७   

    

 

लगाया दिल जो पत्थर से तो उसको टूटना ही था

खिजाँ का फूल बेचारा, उसे तो सूखना ही था

 

किए वादे बहुत से थे मगर झूठे सभी निकले

वफ़ा जिसके नहीं दिल में उसे तो भूलना ही था 

 

किसीसे क्या गिला कीजे, किसीको दोष क्या दीजे

न थे हम प्यार के क़ाबिल, सनम को रूठना ही था

 

तुम्हारा कौन नाता है, है रिश्ता क्या भला उससे

ये महफ़िल में किसीको तो किसी दिन पूछना ही था 

 

सही रस्ता न था जिसका, न मंज़िल थी कोई जिसकी

ख़लिश वो कारवाँ इक दिन, किसीको लूटना ही था. 

 

बहर --- १२२२  १२२२  १२२२  १२२२

 

महेश चन्द्र गुप्त ’ख़लिश’

७ अप्रेल २०१७


--
(Ex)Prof. M C Gupta
MD (Medicine), MPH, LL.M.,
Advocate & Medico-legal Consultant
www.writing.com/authors/mcgupta44

Dr.M.C. Gupta

unread,
Sep 4, 2017, 3:43:35 PM9/4/17
to hindibharat, Hindienglishpoetry, काव्यांजलि
संदर्भ -- बहुत दिनों के बाद इतनी सुंदर ग़ज़ल पढ़वाने के लिए आपको नमन

हर शेर खूबसूरत है, दाद कुबूल फरमायें

****

राकेश जी,

अंधे को क्या चाहिए-- दो आँखें . आपने तो चार दे दीं! (दो आँखों के साथ चश्मा भी).


अर्ज़ किया है---


*******


६१८४. कहूँ लब से भला क्या मैं ५-९-२०१७

 

कहूँ लब से भला क्या मैं

करूँ मैं शुक्रिया कैसे

लगे है ज्यों फ़लक से इक

हुई अमृत की बारिश है

 

सराहा जो लिखे को है

कि ज्यों क़िस्मत संवारी है

अचानक ही महकने ये

लगी लफ़्ज़ों की क्यारी है

 

मिली है दाद पहले भी

मगर ऐसी न मिल पाई

कि जैसी आपने दी है

खुले दिल से, खुले मन से

 

यही बस ख्याल आता है

मुझे क़ाबिल ख़लिश समझा

बहुत मशकूर हूँ लेकिन

कहीं दर्ज़ा न ये खो दूँ. 

 

 

महेश चन्द्र गुप्त ’ख़लिश’

५ सितंबर २०१७

 


On 4 September 2017 at 21:51, Rakesh Khandelwal rake...@yahoo.com [HINDI-BHARAT] <HINDI-...@yahoogroups.com> wrote:
 

आदरणीय खलिशजी


बहुत दिनों के बाद इतनी सुंदर ग़ज़ल पढ़वाने के लिए आपको नमन

हर शेर खूबसूरत है, दाद कुबूल फरमायें

राकेश खंडेलवाल

__._,_.___

Posted by: Rakesh Khandelwal <rake...@yahoo.com>
Reply via web post Reply to sender Reply to group Start a New Topic Messages in this topic (3)

Have you tried the highest rated email app?
With 4.5 stars in iTunes, the Yahoo Mail app is the highest rated email app on the market. What are you waiting for? Now you can access all your inboxes (Gmail, Outlook, AOL and more) in one place. Never delete an email again with 1000GB of free cloud storage.



.

__,_._,___
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages