६०२४. भला क्या चीज़ है ये शायरी कोई तो बतलाए – ८ सितंबर २०१७
भला क्या चीज़ है ये शायरी कोई तो बतलाए
जिसे पूछो वही इस्लाह कुछ न्यारी है कर जाए
यही सीखा है हमने तो कहे जो दिल वही लिख दो
भला जादूगरी लफ़्ज़ों में क्यों अपने कोई लाए
जो दिल से बात निकलेगी, दिलों तक जाएगी वो ही
अगरचे दाद महफ़िल में उसे कोई न दे पाए
बहुत पहुंचे हुए शायर रहे ग़ालिब, नहीं शक है
मगर अंदाज़ यूँ, मुश्किल से ही मतलब समझ आए
ख़लिश है नाम जिसका वो बहुत सादा ग़ज़लगो है
लिखा आए समझ है आप ही, कोई न समझाए.
बहर --- १२२२ १२२२ १२२२ १२२२
महेश चन्द्र गुप्त ’ख़लिश’
९ अप्रेल २०१७