दिल्ली में नहीं रहेगा अब एक भी डार्क स्पॉट/ राष्ट्रीय सहारा

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neetu routela

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Sep 24, 2019, 1:05:33 AM9/24/19
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24.9.19/ राष्ट्रीय सहारा 

दिल्ली में नहीं रहेगा अब एक भी डार्क स्पॉट

एमसीडी के कारण दिल्ली सरकार नहीं लगा पा रही थी स्ट्रीट लाइटें 
नई दिल्ली (एसएनबी)। दिल्ली में प्रावधान है कि रास्ते में स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एमसीडी से अनुमति आवश्यक है। दिल्ली सरकार तमाम योजनाओं के तहत स्ट्रीट लाइट लगाने का प्रयास पिछले दो साल से कर रही थी। लेकिन एमसीडी से अनुमति न मिलने के कारण वह लगातार असफल हो रही थी। इसी कारण सरकार ने यह योजना बनाई। इस योजना के तहत अब मकान मालिक, विधायक और बिजली कंपनी मिलकर स्ट्रीट लाइटें लगा देंगी।
दुनिया के बड़े शहरों में स्ट्रीट लाइट
दिल्ली 9.10 लाख
(2.10 लाख लगने के बाद)
न्यूयॉर्क 4 लाख
शिकागो 3 लाख
हांगकांग 1.4 लाख
मुंबई 1.5 लाख
पेरिस 2.8 लाख
सिंगापुर 95 हजार
लॉस एंजिलिस 2.2 लाख
2.1 लाख स्ट्रीटलाइटों से रोशन होगी राजधानी
20 या 40 वाट की लगाई जाएंगी एलईडी लाइटतीन से पांच साल तक स्ट्रीट लाइट के रखरखाव की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट सप्लायर की होगीयोजना पर सौ करोड़ रपए होंगे खर्च, 10 करोड़ रपए प्रतिवर्ष मेंटनेंस पर होंगे खर्च

नई दिल्ली(एसएनबी)। महिला सुरक्षा को ध्यान में रखकर राजधानी में 2.1 लाख स्ट्रीट लाइट लगाई जाएंगी। स्ट्रीट लाइट लगाने का काम तीनों बिजली वितरण कंपनियों को दिया जाएगा। इसमें 20 या 40 वाट की एलईडी लाइट लगेंगी। तीन से पांच साल तक स्ट्रीट लाइट के रखरखाव की जिम्मेदारी स्ट्रीट लाइट सप्लायर कंपनी की होगी। इस योजना पर सौ करोड़ रपए खर्च आएगा। साथ ही दस करोड़ रपए प्रति वर्ष मेंटनेंस पर खर्च होंगे। इस योजना के तहत दिल्ली के डार्क स्पॉट को तीन माह में खत्म कर दिया जाएगा। इस विषय पर सोमवार को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सीसीटीवी की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना के तहत 2.1 लाख स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी जिसके लिए जल्द टेंडर जारी किया जाएगा। स्ट्रीट लाइट लगाने का काम एक नवंबर से शुरू किया जाएगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली सरकार प्रतिबद्ध हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे विभिन्न उपायों को लागू भी कर रही है। सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ दिल्ली में डार्क स्पॉट दूर करने की भी जरूरत है। इस योजना पर 100 करोड़ रपए खर्च होंगे। साथ ही वार्षिक रखरखाव पर प्रत्येक वर्ष दस करोड़ रपए खर्च होंगे। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस योजना के तहत लाइट लगवाने की अनुमति देने का अधिकार विधायक को होगा। किसी भी व्यक्ति को चिह्नित डार्क स्पॉट पर स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए विधायक से बात करनी चाहिए। उनकी अनुशंसा पर ही लाइट लगेगी। फिर भवन मालिक की अनुमति ली जाएगी। जिसके बाद बिजली कंपनी का सर्वे होगा। सर्वे में स्थान बिजली कंपनी की ओर से पास होने के बाद स्ट्रीट लाइट लगा दिया जाएगा। सभी स्ट्रीट लाइट ऑटोमेटिक काम करेंगी : मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के तहत लगने वाली लाइटें आटोमेटिक होंगी। इसमें सेंसर लगा होगा। अंधेरा होने पर स्ट्रीट लाइट जल जाएंगी। सुबह सूरज निकलने पर बंद हो जाएंगी। दिल्ली में कार्यरत तीन डिस्कॉम योजना को लागू करेंगे। स्ट्रीट लाइट लगाने व रखरखाव का काम डिस्कॉम द्वारा होगा। भवन मालिक के घर से मिलेगी बिजली : स्ट्रीट लाइट को भवन मालिक के घर से ही बिजली मिलेगी। एक-दो दिनों में यह तय कर लिया जाएगा कि एक लाइट पर कितनी बिजली खर्च होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी यूनिट बिजली खर्च होगी, उतनी यूनिट बिजली को भवन मालिक के बिल से कम कर दिया जाएगा। यह भी आटोमेटिक व्यवस्था होगी। मुख्यमंत्री ने कहा जिस तरह से लोगों ने अपने घर पर सीसीटीवी लगाने की अनुमति दी थी, हमें उम्मीद है उतनी ही रूचि जनता की मुख्यमंत्री स्ट्रीटलाइट योजना में भी होगी।पोल लगाने की अनुमति मिलने में होती थी परेशानी : दिल्ली सरकार पूरी दिल्ली में स्ट्रीट लाइट लगाना चाह रही थी लेकिन कच्ची कालोनियों और झुग्गियों में जगह की कमी है। फिर काफी जगह एमसीडी से अनुमति की अड़चन थी। इस कारण इस योजना को लांच किया गया। इसमें सिर्फ विधायक और भवन मालिक की अनुमति चाहिए। लोग अपने घर, दुकान, गली, कहीं भी इसे लगवा सकते हैं। 

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Neetu Routela
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