मोबाइल में हिंदी की बारी

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हिमांशु सिंह

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Aug 15, 2010, 2:49:25 PM8/15/10
to IndiComs
नमस्ते,

मुझे लगता है की पीसी पर हिन्दी सपोर्ट अब काफी अच्छा हो चूका है. अब
शायद लोगों को मोबाइल ओ.एस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

iphone पर तो कुछ भी करना शायद संभव न हो. पर ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम
जैसे की android, meego पर शायद कुछ किया जा सकता है.

मैं तो अब ज्यादा समय पीसी पर नहीं बिताता हूँ पर मुझे बहुत दुःख होता है
जब सामान्य लोग मोबाइल खरीदते है और उनको मजबूरी में अनाग्रेजी में ही सब
पढाना और लिखना पडता है.

कम से कम भारत देश में, जो की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है,
उसके लिए भारत सरकार को एक नियम लागू कर देना चाहिए की जो मोबाइल यूनीकोड
सपोर्ट नहीं करता है और जिसमे भारतीय भाषाओं में सन्देश आदी नहीं लिखा जा
सकता है, उसपे अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए और जो मोबाइल सही प्रकार से
यूनीकोड सपोर्ट करते हैं उनको टैक्स से छूट दिया जाए.

उदाहरण के लिए, जैसे अमेरिका में इलेक्ट्रिक कार के लिए ओबामा सरकार ने
टैक्स में भारी छूट का प्रावधान रखा है, उसी प्रकार भारत में जो कमापनिया
भारती भाषाओं को सपोर्ट करती हैं उसे टैक्स में छूट देना चाहिए.

मैं यह सन्देश मोबाइल से भेजन चाहता था पर दुःख की बात है की यह सन्देश
लिखने के लिए भी मुझे पीसी का सहारा लेना पड़ा :(

हिमांशु

Anunad Singh

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Aug 15, 2010, 11:29:02 PM8/15/10
to indi...@googlegroups.com
हिमांशु , आपकी राय से कोई भी भारतभाषाप्रेमी  सहमत होगा किन्तु दुख इस बात का है कि भारत को भारत रहने देना कौन चाहता है?  इस देश को इंगलिस्तान बनाने का खेल नेहरू के राज से ही जारी है। खुशी की बात है कि आप जैसे कुछ लोग अब तक हार नहीं माने हैं।

-- अनुनाद सिंह

====================

१६ अगस्त २०१० १२:१९ पूर्वाह्न को, हिमांशु सिंह <angular....@gmail.com> ने लिखा:

अंकुर गुप्ता

unread,
Aug 16, 2010, 6:34:28 AM8/16/10
to IndiComs
अनुनाद जी से पूर्णतया सहमत हूं।

मेरे पास अभी इतने पैसे तो नही हैं कि मैं कोई एंड्राइड वाला फोन खरीद
सकूं। लेकिन मैं यह आपसे जानना चाहूंगा कि क्या कोई ऐसा साफ्टवेयर है जो
कि विंडोज़ में उस फोन को आभासी रूप से दिखा सके ताकि उसपर विकास कार्य
संभव हो पाए।

अंकुर

On Aug 16, 8:29 am, Anunad Singh <anu...@gmail.com> wrote:
> हिमांशु , आपकी राय से कोई भी भारतभाषाप्रेमी  सहमत होगा किन्तु दुख इस बात का
> है कि भारत को भारत रहने देना कौन चाहता है?  इस देश को इंगलिस्तान बनाने का
> खेल नेहरू के राज से ही जारी है। खुशी की बात है कि आप जैसे कुछ लोग अब तक हार
> नहीं माने हैं।
>
> -- अनुनाद सिंह
>
> ====================
>
> १६ अगस्त २०१० १२:१९ पूर्वाह्न को, हिमांशु सिंह

> <angular.veloc...@gmail.com>ने लिखा:

narendra sisodiya

unread,
Aug 16, 2010, 7:04:33 AM8/16/10
to indi...@googlegroups.com


2010/8/16 अंकुर गुप्ता <ankurg...@gmail.com>

 क्या कोई ऐसा साफ्टवेयर है जो
कि विंडोज़ में उस फोन को आभासी रूप से दिखा सके ताकि उसपर विकास कार्य
संभव हो पाए।

http://www.redmondpie.com/android-emulator-for-windows/

narendra sisodiya

unread,
Aug 16, 2010, 7:10:18 AM8/16/10
to indi...@googlegroups.com


2010/8/16 narendra sisodiya <narendra...@gmail.com>

http://developer.appcelerator.com/get_started
I recommend Titanium API, it has Android Emulator and it one of the fastest way to develop cross-platform, cross-device application.

PS: I request to group admin to add my nare...@narendrasisodiya.com email id. I do not use gmail id.

Thanks

himanshu singh

unread,
Aug 16, 2010, 7:56:56 AM8/16/10
to indi...@googlegroups.com
आप लोग मीगो/नोकिया  के लिए अगर कोड लिखना चाहते है तो उसके लिए शुरुआत करना और भी आसान है. अगर आप Qt में कोड लिखना जानते है तो आप नोकिया सिम्बियन और मीगो के लिए प्रोग्राम लिख सकते हैं.

android के लिए तो जावा की जानकारी जरूरी है. और यही शायद इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है. बहुत प्रकार के प्रोग्राम तो android  के लिए लिखे ही नहीं जा सकते. मोजिला ग्रुप ने तो अपनी हार मान ली है की वह जावा में ब्राउजर नहीं बना सकते. 

पर अगर आप जावा में कोड लिखना जानते हैं तो android के सारे टूल फ्री में andoroid की साईट पर उपलब्ध है. अगर आप c/c++ जानते है तो Qt , और अगर जावा तो android चुनिए. 

और iphone तो महान है. Objevtive C को और कोइ कमपनी उपयोग में नहीं लाती है सिवा एपल के. मेरा तो सर दुखाने लग जाता है उसके Xcode को देख कर. वैसे भी कितने लोग भारत में iphone खरीदने की क्षमता  रखते  है ? 

जो लोग C# / .net / vb.bet जानते है उनको तो मैं सुझाव दूंगा की वह windows phone 7 को देखें. जो .net जानते हैं उनको तो कुछ भी नया सीखने की जरूरत नहीं है. सच में ...सबसे अच्छा development टूल विसुअल स्टूडियो ही है. और अब आप उसका उपयोग wp7 के लिए कोड लिखने के लिए भी कर सकते है. 

पर देखने की बात है की wp 7 बाजार में कितना असर कर पाटा है. पता  चला आप उसकी अपना समय  और पैसा लगाए और wp7 बाजार में चला ही नहीं. पर मैं आशावादी हूँ :) 

अब आप को चुनना पड़ेगा की आप किस के लिए लिखना चाहते है. विकल्प तो बहुत सारे है. 

हिमांशु






2010/8/16 narendra sisodiya <narendra...@gmail.com>

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himanshu singh

unread,
Aug 16, 2010, 8:04:01 AM8/16/10
to indi...@googlegroups.com
चाहे मैं कितना भी नोकिया से नफ़रत करू , सच तो यही है की भारत में नोकिया की तूती बोलती है . अगर आप नोकिया के फोन पर चलने के लिए कोड लिखना चाहते है तो तो एक बार Qt को जरूर देखें. जो लोग kde आदी के लिए कोड लिख चुके हैं उनको तो Qt के बारे में अच्छे से पता होगा.

हिमांशु


2010/8/16 himanshu singh <angular....@gmail.com>

Hariram

unread,
Aug 18, 2010, 4:24:10 AM8/18/10
to indi...@googlegroups.com
बन्धुगण,
 
भारत सरकार के स्तर पर मोबाईल फोन में Indic scripts के प्रयोग के बारे में गम्भीरता से कार्यवाही की जा रही है। देखें--
 
 
On 8/16/10, himanshu singh <angular....@gmail.com> wrote:
आप लोग मीगो/नोकिया  के लिए अगर कोड लिखना चाहते है तो उसके लिए शुरुआत करना और भी आसान है. अगर आप Qt में कोड लिखना जानते है तो आप नोकिया सिम्बियन और मीगो के लिए प्रोग्राम लिख सकते हैं.
 

 
android के लिए तो जावा की जानकारी जरूरी है. और यही शायद इसकी सबसे बड़ी कमजोरी है. बहुत प्रकार के प्रोग्राम तो android  के लिए लिखे ही नहीं जा सकते. ....

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Aug 18, 2010, 5:50:32 AM8/18/10
to indi...@googlegroups.com
मित्रों यहाँ तो समूह के विषय से हटकर प्रोग्रामिंग पर चर्चा चल पड़ी, प्रोग्रामिंग सम्बंधी चर्चा हेतु कृपया पेंचकस समूह पर पधारें।

खैर मैं चर्चा को वापस मूल मुद्धे पर वापस लाता हूँ।

प्रश्न १. कुछ मोबाइलों में हिन्दी समर्थन होता है सभी मोबाइलो में क्यों नहीं होता है जबकि चाइनीज होता है?
उत्तर: अधिकतर सस्ते फोनों में पूर्ण हिन्दी समर्थन होता है कोई ५००० रुपये तक वालों में, महंगे स्मार्टफोनों में नहीं होता जबकि चाइनीज होता है कारण ये कि चाइनीज अपने फोन में चाइनीज का प्रयोग करते हैं जबकि हिन्दुस्तानी हिन्दी का प्रयोग नहीं करते सिवाय कुछ सैकड़ों हिन्दी चिट्ठाकारों (अथवा अन्य हिन्दी प्रयोक्ताओं) के। कोई कम्पनी बाजार के हिसाब से ही चीज बनाती है, पाँच सौ-हजार प्रयोक्ताओं के लिये कम्पनी जहमत उठाने से रही।

प्रश्न २. क्या कोई और तरीका हो सकता था?
उत्तर: यदि देवनागरी का यूनिकोड मानकीकरण सही तरीके से अर्थात मूल व्यञ्जनों, संयुक्ताक्षरों की कोडिंग तथा व्याकरण अनुसार वैज्ञानिक तरीके से मानकीकरण किया जाता तो हिन्दी प्रदर्शन के लिये किसी दलाल (USP जैसे यूनिस्क्राइब आदि) की जरुरत न होती। उस स्थिति में फोन में केवल हिन्दी का फॉण्ट स्थापित करने से काम चल जाता और फोन का सामान्य स्क्रिप्ट रेण्डरिंग इञ्जन हिन्दी दिखा सकता था।

उदाहरण के लिये रशियन आप फोन में केवल फॉण्ट स्थापित करके पढ़ सकते हैं, यदि देवनागरी को भी सही रुप से ऍन्कोडित किया जाता तो लगभग यही स्थिति होती।

१६ अगस्त २०१० १२:१९ पूर्वाह्न को, हिमांशु सिंह <angular....@gmail.com> ने लिखा:
नमस्ते,

मुझे लगता है की पीसी पर हिन्दी सपोर्ट अब काफी अच्छा हो चूका है. अब
शायद लोगों को मोबाइल ओ.एस पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.

iphone पर तो कुछ भी करना शायद संभव न हो. पर ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम
जैसे की android, meego पर शायद कुछ किया जा सकता है.

मैं तो अब ज्यादा समय पीसी पर नहीं बिताता हूँ पर मुझे बहुत दुःख होता है
जब सामान्य लोग मोबाइल खरीदते है और उनको मजबूरी में अनाग्रेजी में ही सब
पढाना और लिखना पडता है.

कम से कम भारत देश में, जो की दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल बाजार है,
उसके लिए भारत सरकार को एक नियम लागू कर देना चाहिए की जो मोबाइल यूनीकोड
सपोर्ट नहीं करता है और जिसमे भारतीय भाषाओं में सन्देश आदी नहीं लिखा जा
सकता है, उसपे अतिरिक्त टैक्स लगाया जाए और जो मोबाइल सही प्रकार से
यूनीकोड सपोर्ट करते हैं उनको टैक्स से छूट दिया जाए.

उदाहरण के लिए, जैसे अमेरिका में इलेक्ट्रिक कार के लिए ओबामा सरकार ने
टैक्स में भारी छूट का प्रावधान रखा है, उसी प्रकार भारत में जो कमापनिया
भारती भाषाओं को सपोर्ट करती हैं उसे टैक्स में छूट देना चाहिए.

मैं यह सन्देश मोबाइल से भेजन चाहता था पर दुःख की बात है की यह सन्देश
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