म.प्र. में बनेगा युवा आयोग , कैरियर काउंसलिंग का बनेगा अलग से वेब
पोर्टल
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज
यहां मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित विद्यार्थी पंचायत में विद्यार्थियों के कल्याण
और उनके शैक्षणिक विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं। स्वामी विवेकानंद के
जन्म दिवस पर आयोजित विद्यार्थी पंचायत में आमंत्रित विद्यार्थियों ने मुख्यमंत्री
के साथ सीधा संवाद करते हुये उच्च शिक्षा में सुधार और सुविधाओं एवं शैक्षणिक प्रक्रियाओं
के संबंध में अपने सुझाव दिये। मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के सुझाव को गंभीरता
से लेते हुये विद्यार्थियों के हित में अनेक घोषणाएं कीं।
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श्री चौहान ने कहा कि युवा आयोग का गठन किया
जायेगा। यह आयोग युवाओं के सर्वांगीण विकास के संबंध में अपनी अनुशंसाएं देगा। जिसके
आधार पर राज्य शासन कार्रवाई करेगी।
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विद्यार्थियों के लिये 50 करोड़
रूपये की राशि से शिक्षा कोष स्थापित किया जायेगा। भविष्य में और भी धनराशि दी
जायेगी।
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प्रदेश में 41 कन्या छात्रावास भवनों के निर्माण
हेतु 45 करोड़ रुपये दिये जाएंगें। जिन महाविद्यालयों में 500
से अधिक छात्राएं अध्ययनरत हैं उन महाविद्यालयों में छात्रावास
बनाने हेतु प्राथमिकता दी जाएगी।
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भवनविहीन 25 शासकीय महाविद्यालयों के लिए 78.75
करोड़ रूपये स्वीकृत किए जाएंगें। ऐसे महाविद्यालय जिनके पास भूमि
नहीं है उन्हें भूमि उपलब्ध कराने के प्रयास होंगे उसके पश्चात भवन भी बनाये
जायेंगे।
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उच्च शिक्षा में सुधार की विभिन्न योजनाएं बनायी
जायेंगी। प्रशासनिक सुधार,
सार्वजनिक वित्त संस्थाओं में अच्छे प्रयास, ट्रेसर
स्टडी एवं विद्यार्थियों/शिक्षकों का सर्वे कर रिपोर्ट बनवायी जाएगी जोकि उच्च
शिक्षा में सुधार के लिये योजना तैयार करने में बेसलाईन होगी। इसमें विश्व बैंक की
मदद भी ली जाएगी।
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गवर्नेस सुधारों के अंतर्गत मध्य प्रदेश
विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन, नए विश्वविद्यालयों का
अधोसंरचनात्मक विकास, प्रयोगशालाओं का उन्नयन, नए महाविद्यालयों के लिए भवन निर्माण, विश्वविद्यालयीन
परीक्षा प्रणाली का पूर्ण आटोमेशन, ग्रामीण एवं आदिवासी
क्षेत्रों के महाविद्यालयों की बालिकाओं को कंप्यूटर शिक्षा, वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के माध्यम से व्याख्यान आदि महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल
होंगी।
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विक्रमादित्य योजना में संशोधन करते हुए शुल्क में
छूट की अधिकतम सीमा 2500
रुपए प्रति छात्र प्रति वर्ष तक की जाएगी, साथ
ही परिवार की वार्षिक आय भी 42,000 रुपए से बढ़ाकर 54,000
रूपए की जायेगी।
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एकीकृत छात्रवृत्ति योजना में स्नातक/संस्कृत
महाविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को 500 रुपए प्रतिमाह एवं शोध कार्यो
में संलग्न विद्यार्थियों को 600 रुपए प्रतिमाह के मान से
छात्रवृत्ति दी जाएगी। इस योजना में भी परिवार की वार्षिक आय की सीमा को 25,000
रुपए से बढ़ाकर 54,000 रुपए वार्षिक किया जाएगा।
तकनीकी शिक्षा
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कैरियर काउंसलिंग एण्ड प्लेसमेंट सोसायटी की
स्थापना की जायेगी। इसका अलग वेब पोर्टल होगा। विद्यार्थियों को उद्योग एवं
व्यापार की मांग अनुसार रोजगार योग्य बनाने के लिए विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से ''फिनिशिंग
स्कूल'' योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
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पब्लिक प्रायवेट पार्टनरशिप के तहत उद्योगों के
सहयोग से 10 नवीन पोलीटेकनिक महाविद्यालय प्रारंभ करने की योजना बनाई जायेगी।
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जिला मुख्यालय पर 50 संस्थाओं का आदर्श आईटीआई
में उन्नयन किया जाएगा। विद्यमान 107 संस्थाओं की प्रवेश
क्षमता बढ़ाई जाएगी। नवीन व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे तथा अल्प अवधि
के प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जाएंगे।
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दस स्वशासी पॉलीटेक्निक एवं 4 इंजीनियरिंग
महाविद्यालयों को क्षेत्र विशेष में सेंटर आफ एक्सीलेंस बनाने का प्रावधान किया
जाएगा।
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इंडस्ट्री-एकाडमिया अगले माह फरवरी-2012 में
फिक्की, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तथा तकनीकी
शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 2 दिवसीय
''इंडस्ट्री-एकाडमिया मीट'' का आयोजन होगा।
इसमें 200 से अधिक देश-विदेश की कंपनियां भाग लेंगी।
चिकित्सा शिक्षा
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चिकित्सा महाविद्यालयों के सुदृढ़ीकरण हेतु विशेष
उपकरण क्रय किए जाएंगे।
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चिकित्सा महाविद्यालयों में वर्तमान में चालू
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों की सीटों के अतिरिक्त 203 नई पी.जी. सीट्स बढ़ाई
जाएंगी।
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आरक्षित श्रेणी एवं कमजोर वर्गों के छात्र-छात्राओं
हेतु नियमित कॉलेज समय के अतिरिक्त समय में पठन-पाठन की व्यवस्था चिकित्सा
शिक्षकों एवं अंग्रेजी विषय के शिक्षकों द्वारा आयोजित की जाएगी।
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आरक्षित वर्ग के सभी छात्र-छात्राओं को संपूर्ण
पुस्तकों के पृथक-पृथक सेट प्रदान किये जायेंगे।
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चिकित्सा महाविद्यालयों के 32 छात्रावासों
का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। वहां शुद्ध पीने के पानी की व्यवस्था, मेस व्यवस्था तथा सौर उर्जा से चलित यंत्र द्वारा गर्म पानी की व्यवस्था
की जाएगी।
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एम.सी.आई. के मापदण्डों के अनुसार चिकित्सा
महाविद्यालयों की लाईब्रेरियांे का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
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चिकित्सा महाविद्यालयों में खेलकूद की गतिविधियांे
को बढ़ावा देने तथा जिमनेजियम हेतु आधुनिक उपकरण प्रदान किए जाएंगे।
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प्रदेश के बाहर अन्य आधुनिक चिकित्सालयों में
संचालित नई तकनीक एवं शोध प्रक्रिया को देखने हेतु प्रदेश के छात्रों के लिए भ्रमण
कार्यक्रम बनाए जाएंगे।
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प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय में छात्र/छात्राओं
हेतु कंप्यूटर सेंटर की व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी।
आयुष
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शासकीय स्वशासी आयुर्वेद महाविद्यालयों, ग्वालियर,
उज्जैन, रीवा एवं भोपाल में स्नातकोत्तर
पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
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शासकीय स्वशासी होम्योपैथिक महाविद्यालय भोपाल में
स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जाएंगे।
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शासकीय स्वशासी होम्योपैथिक महाविद्यालय भोपाल में
बी.एच.एम.एस. प्रथम वर्ष में वर्तमान स्वीकृत प्रवेश क्षमता 70 को बढ़ाकर
100 किया जाएगा।
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आयुष चिकित्सा शिक्षा के स्तरोन्नयन हेतु भोपाल में
आयुष अनुसंधान एवं प्रशिक्षण अकादमी की स्थापना की जाएगी।
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600
आयुर्वेद चिकित्सकों की भरती की जाएगी एवं इन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य
केन्द्रों में पदस्थ किया जाएगा। ये चिकित्सक केवल आयुर्वेद चिकित्सा करेंगे।
किसान कल्याण एवं
कृषि विकास
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किसानों के बच्चों को कृषि विश्वविद्यालयों में 5 प्रतिशत
का आरक्षण दिया जायेगा।
पशुपालन विभाग
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पशु चिकित्सा इन्टर्नशिप कार्यक्रम में दी जाने
वाली छात्रवृत्ति मेडिकल छात्रवृत्ति के बराबर की जाएगी।
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प्रत्येक महाविद्यालय में ई-पुस्तकालय की व्यवस्था
की जाएगी जिसमें शोध-पत्र संकलन एवं नई अन्तर्राष्ट्रीय पुस्तकें उपलब्ध कराई
जाएंगी।
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मध्यप्रदेश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के मध्य
शैक्षणिक भ्रमण के कार्यक्रम प्रतिवर्ष आयोजित किये जायेंगे।
संस्कृति विभाग
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संगीत महाविद्यालयों एवं ललित कला संस्थानों में
संकाय के रिक्त पदों को समय सीमा में भरकर शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी।
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ऋण गारंटी योजना का लाभ संगीत एवं ललित कला के
विद्यार्थियों को भी उपलब्ध कराया जाएगा।
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संगीत एवं ललित कला के मेधावी विद्यार्थियों के
लिये छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी जाएगी।