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KalidAsa NatakAs:
माविशाकुरमॆऋ ।
मा=मालविकाग्निमित्रम् वि=विक्रमॊर्वशीयम् शा=शाकुन्तलम्
कु=कुमारसंभवम् र=रघुवंशम् मॆ=मॆघदूतम् ऋ=ऋतुसंहारम्
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BhAsa nAtakAs:
प्रतिस्वप्नविकम् प्रत्यभिकम् दूतद्विपंचकम् कर्णॊरुमध्यमश्चैव बालश्चारुश्च यज्ञलम् ।
प्रति=प्रतिज्ञायॊगंधरायण स्वप्न=स्वप्नवासवदत्ता अविकम्= अविमारकम्
प्रति=प्रतिमानाटक अभिकम्= अभिषॆकनाटक दूत=दूतवाक्य दूत=दूतघटॊत्कच
पंचकम्=पंचरा्त्र कर्ण्=कर्णभार ऊरु=ऊरुभंग मध्यम=मध्यमव्यायॊग
बाल= बालचरित चारु=चारुदत्त यज्ञ्लम्=यज्ञफलम्
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Courtesy: Prof. H S Varadadeshikachar, National College, Bangalore (1968)