धनतेरस और दिवाली पर रवि पुष्य- एक अमृत सिद्ध योग बनाए मालामाल

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Abhiimanyu Gri

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Oct 27, 2013, 8:40:35 PM10/27/13
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पंचानन भगवान शिव की नगरी काशी को आधार मानकर देश के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य एवं वास्तुविद आचार्य अविनाश ने नक्षत्रों में सर्वश्रेष्ठ नक्षत्र पुष्य का वर्णन करते हुए बताया कि 27 अक्टूबर 2013 दिन रविवार को दिन भर रविपुष्य योग का निर्माण हो रहा है जो शुभ मंत्र-तंत्र सिद्धि एवं तंत्र के शुभ फल प्राप्त करने का दिन है. इस दिन सूर्य यन्त्र को प्राण प्रतिष्ठित कर स्थापित करने से ग्रहों में सर्वश्रेष्ठ ग्रह सूर्य के समस्त शुभ फल प्राप्त होते हैं तथा मानव जीवन सफल हो जाता है.

आज के दिन काली हल्दी, श्वेतार्क, हत्था जोड़ी, गोमती चक्र, सियार श्रृंगी आदि का पंचोपचार या षोडशोपचार से विधिवत पूजन व प्राण प्रतिष्ठा कर स्थापित करने से समस्त भौतिक सिद्धियां एवं धन लक्ष्मी की श्रेष्ठ प्राप्ति के समस्त द्वार खुल जाते हैं एवं मानव को जीवन में कोई भी कमी नहीं दिखती है.

सूर्य की जीवनदायी रश्मियों से ही हमारी सम्पूर्ण पृथ्वी का जीवन है और रवि पुष्य के इस अद्भुत श्रेष्ठ फल प्राप्ति योग पर सूर्य देव की आराधना एवं पूजन ही आम जन को सूर्य देव की कृपा का पात्र बना देता है व समस्त ग्रहों के दोषों का शमन होने लगता है.

रवि पुष्य के आज के पुण्य पर्व पर सूर्य के तेरह मंत्रों से सूर्य को नमस्कार कर सूर्य आराधना व्यक्ति के जीवन के समस्त कलुष को समाप्त कर उसे भौतिक सुखों की प्राप्ति कराता है- सूर्य मंत्र: 1- ओम् सूर्याय नमः 2- ओम रवये नमः 3- ओम भानवे नमः 4- ओम खगाय नमः 5- ओम मित्राय नमः 6- ओम पूषणे नमः 7- ओम मरीचये नमः 8- ओम सवित्रे मनः 9- ओम अर्काय नमः 10- ओम भाष्कराय नमः 11- ओम आदित्याय नमः 12- ओम हिरण्यगर्भाय नमः 13- ओम श्री सवित्रिसूर्यनारायणाय नमः

नौ ग्रहों में सूर्य सर्वश्रेष्ठ ग्रह है. प्रतिदिन प्रातः स्नान-ध्यान के पश्चात अक्षत को रोली से रंग कर लाल अक्षत, लाल फूल व गुड़ सूर्य भगवान को अर्पित कर लाल रोली अर्पित कर, लाल फूल और रोली जल में डालकर सूर्य को अध्र्य दें तथा सूर्य के तेरह मंत्रों से सूर्य को नमन कर धूपबत्ती से सूर्य देव का पूजन करें एवं कपूर से आरती करें. इस आराधना से सभी अभीष्ट सिद्ध होंगे.

रवि पुष्य योग पर सूर्य का प्रसन्न करने के उपाय: 1. रविवार को गाय को गुड़ खिलाने से आर्थिक लाभ के साथ साथ मान सम्मान भी प्राप्त होने लगता है.

2. रविवार को किसी भी मंदिर में तांबे का दीपक जलाकर मंदिर में ही दीपक छोड़ दें, कार्य क्षेत्र में आने वाली बाधा समाप्त होगी.


3. सरकारी नौकरी में स्थानान्तरण का भय हो तो तांबे के लोटे में लाल मिर्च के 21 दाने डाल कर सूर्य को जल दें, बाधा समाप्त हो जायेगी.

4. तांबे के लोटे में जल में दूध, लाल फूल और लाल चन्दन डालकर अर्ध्य देने से शत्रु बाधा समाप्त होगी.

5. सूर्य से सम्बंधित वस्तुओं को दान में कभी ना लें.

6. धन भाव में यदि सूर्य हो तो बहते जल में गुड़ प्रवाहित करें.

7. कुण्डली के छठे भाव में सूर्य हो और रोग कष्ट दे रहे हों तो बंदरों को गुड़ व चना खिलायें व चिटियों को शक्कर डाले, अद्भुत लाभ होगा.

8. कुण्डली में सूर्य यदि पीड़ा दे रहा हो तो 800-800 ग्राम गुड़ और गेहूं मंदिर में लगातार दान दें. समस्त पीड़ा का शमन होगा.

9. सूर्य ग्रह के समस्त लाभ प्राप्त करने के लिए घर से निकलते समय सदैव गुड़ खाकर व पानी पीकर निकलें, जीवन के सभी कार्यों में अभीष्ट फल प्राप्त होंगे


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