लतीफे उर्दू का शब्द हैं जिसके कई अर्थ होते हैं जैसे "चुटकुला, हिंदी
गोष्ठी, मजेदार व्यंग आदि". और इसी शब्द को ध्यान में रखकर हमने एक
चिट्ठे का निर्माण किया हैं जिसका शीर्षक [[लतीफे]] रखा हैं. हम आशा करते
हैं की आपको ये चिट्ठा बेहद पसंद आएगा.
लतीफे : इसका क्या फायदा ?
लतीफे आज कल की इस प्रकार के माहौल में जहाँ रोज आये दिन किसी न किसी देश
में, पड़ोस में, किसी शहर में रोज कोई न कोई आतंकवादी हमला, लड़ाई झगडा,
कोई अपने आप से परेशान हैं, कोई दुसरे से परेशान हैं, कोई अपने बच्चो से,
कोई अपने पति से, कोई अपनी पत्नी से आदि जैसी समस्याओ से परेशान हैं और
इन्ही सबके बीच में वो इन्सान कहीं खो सा गया हैं और इनसे लड़ते लड़ते
अपनी हँसीं कही खो बैठा हैं, उसे इतना टाइम भी नहीं मिलता की वो थोडा हंस
सके.....लेकिन इस और एक कदम बढ़ाते हुए पवन मल्ल या पवन माल साईट देखे जी
ने एक चिट्ठा बनाया हैं जो थोडा वक़्त उस व्यक्ति को हँसाने में मदद करता
हैं.
लतीफे : आप भी जुड़े इस अभियान में
दोस्तों हसना बहुत जरूरी हैं और इसी कारण ये हसीं और लतीफों का पिटारा,
आपके लिए बनाया हैं...... आपको हिंदी लतीफे के लतीफे और जोक्स कैसे लगते
हैं? हमें जरूर बताये !! और अगर आप अपने लतीफे भी इस चिट्ठे पर प्रकाशित
करना चाहते हैं तो उसे आप दिए गये फॉर्म के लिंक के जरिये भी भेज सकते
हैं लतीफे भेजे या छपवायें और यदि आप ईमेल के जरिये भेजना चाहते हैं तो
हमारा ईमेल पता हैं पवन.वेबमास्टर@जीमेल.कॉम आपके भेजे गए लतीफे इस पृष्ठ
पर आपको आराम से मिल जायंगे आपके लतीफे.
लतीफे : हिंदी लतीफे टूलबार का उपयोग भी कर सकते हैं
दोस्तों आप लोगो को ज्यादा परेशानी न हो इसलिए आपके लिए एक टूलबार तैयार
किया हैं जहाँ पर आपको सारी नए लतीफे आराम से मिल जायंगे. हिंदी लतीफे
टूलबार
हंसने के क्या फायदे है ?
कई लोग सोचते हैं की परेशानियों के बीच में हँसने वाले को लोग कहीं पागल
का दर्ज़ा न देदे लेकिन हँसने के काफी सारे फायदे हैं :- नीचे देखे : ये
कई लोगो के कुछटिप्पणियों से मैंने इकट्ठा किया हैं और आपके सामने पेश
हैं :- १) लोग पास आते है ओर आदमी जीवन मै सफलता पाता है ओर खुशमिजाज
रहोगे.
२) क्या यार हर चीज मे नफा नुक्सान नही देखते कभी कभार विला वजह भी हंस
लिया करो.
३) हंसने के फायदे को जानने के लिए इस तनाव भरी दुनियाँ में कुछ दिन खुद
हंसकर देखिए आपको जवाब मिल जायेगा ।वैसे नीर जी ने सहीं कही है.
४) आज के दौर मे हंसने की बात करते हो पवन जी, मुझे तो सुन कर ही हंसी
आती है.
५) आज कि डेट मे हसने से अच्छी इनसान के लिए कोई दवा नही हे इनसान के
दिमाग मे परिवार को लेकर या ओफिस से जुड़ें काम की टेशन ओर जीवन की
समस्याओ से थोड़ा सा छुटकारा पाने के लिए हँसना जरुरि हे हँसने से मन
हलका हो जाता हे ओर बिना ग्लो क्रिम लगाए फेस पर चमक आ जाती हे.
६) हंसने में आप कुल 17 मांसपेशियों का इस्तेमाल करते हैं! और दुख: या
क्रोध (Frowning) में आप कुल 43 मांसपेशियों का इस्तेमाल करते हैं! और
अवसाद के दौरानरोना अवसाद कम करने का बेहतरीन उपाय है! औरतें जल्दी रो
सकती हैं इसलिये पुरुषों की तुलना में अवसाद का शिकार कम होती हैं! रोने
से अश्रु ग्रंथियों का तथाफेफडों अच्छा व्ययाम होता है, आंखें, गला नाक
पृक्रतिक तौर पर साफ होते हैं! इसलिये नवजात शिशु को रुलाया जाता है.
८) मै आपसे से सहमत हू. हंसना सौ बीमारीयो का एक इलाज है. हंसने से हृदय
और फेफड़े तो मजबूत होते ही है, साथ ही सारा अवसाद निकल जाने से आप कई
तरह की मानसिक बीमारीयो से भी बच जाते है. मैने कही पढ़ा था कि हंसने से
मोटापा घटाने मे भी मदद मिलती है क्योकि हंसते समय आपका पूरा शरीर हिलता
है.
९) शोधकर्त्ताओ का मानना है की हँसना हमारी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के
साथ साथ ह्रदय को मजबूत और फेफडो की कार्यशैली को प्रभावी बनाने में मदद
करता है| वैसे भी कहते है की "Laughter is the Best Medicine"
और एक जागरण में तो हँसने के ऊपर काफी अच्छा लेख भी छपा था जो नीचे दिया
गया हैं :-
Nov 16, 10:46 pm दैनिक जागरण हंसें और खूब हंसें। अगर आप ध्यान लगाना
चाहते हैं तब तो और भी हंसें, क्योंकि यह ध्यान की पहली सीढ़ी है। हो
सकता है कि आपको यह पढ़कर कुछ ताज्जुब हो, लेकिन विशेषज्ञों का यही मानना
है। यदि आप ध्यान का अभ्यास करना शुरू करते हैं, तो सबसे पहले इधर-उधर
भटक रहे मन को एकाग्रचित करना होता है। जब हम हंसते हैं, तब भी सब कुछ
भूल कर एकाग्रचित हो जाते हैं। बीते दिनों की पीड़ा पीछे छूट जाती है।
हंसते समय हमारा दिमाग तनावमुक्त होकर सिर्फ वर्तमान पर केंद्रित हो जाता
है। हमारा शरीर, संवेदना और आत्मा भी इस क्रिया में सम्मिलित हो जाती है।
यदि कोई व्यक्ति सुबह के समय हास्य ध्यान योग का अभ्यास करता है, तो वह
दिन भर प्रसन्न रह सकता है। यदि शाम को इसका अभ्यास किया जाए, तो न केवल
रात को अच्छी नींद आती है, बल्कि सुखद सपने भी आते हैं।
मन की शक्ति का प्रयोग
हास्य योग गुरु जितेन कोही कहते हैं कि हंसना भी योग है। जहां हास्य का
अर्थ है मन की ऊर्जा को बढ़ाना, वहीं योग का मतलब होता है जोड़ना। इसलिए
ये दोनों एक दूसरे के पर्यायवाची हैं। हमारा दिमाग मुख्यत: दो भागों में
बंटा हुआ है-विचार और मन। शरीर की 90 प्रतिशत ऊर्जा मन के लिए और 10
प्रतिशत विचारों के लिए सुरक्षित रहती है। उदाहरण के लिए, यदि हम कोई
कार्य करना चाहते हैं, तो हमारा सुदृढ़ मन ही उसे पूरा करने के लिए
जिम्मेदार होता है। जब तक हमारा मन सुदृढ़ नहीं होगा, ध्यान में जाना
कठिन है। हालांकि यह भी सच है कि अधिकांश लोग मन की शक्ति का मात्र 10
प्रतिशत ही उपयोग कर पाते हैं। यदि हम हास्य योग का अभ्यास करते हैं, तो
मन की शक्ति का अधिक से अधिक प्रयोग कर पाते हैं। हंसना मन की खुराक है।
हंसने के कई फायदे हैं। इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। हमारे मस्तिष्क
को बहुत अधिक मात्रा में ऑक्सीजन की जरूरत होती है। हंसने से बड़ी मात्रा
में हवा शरीर के अंदर चली जाती है। इस क्रम में फे फड़ों का भी व्यायाम
हो जाता है। एक रिसर्च के अनुसार, ऑक्सीजन की उपस्थिति में कैंसर कोशिका
और कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस नष्ट हो जाते हैं। हंसने
से शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत होता है। यह तथ्य है कि तनाव, क्रोध
आदि में मस्तिष्क की 40 मांसपेशियों को क्रियाशील होना पड़ता है, वहीं
हंसने पर केवल 14 मांसपेशियों को ही काम करना पड़ता है। हास्य योग से
हमारे शरीर में कई प्रकार के हार्मोस का स्राव होता है, जो हमारे शरीर के
लिए बहुत फायदेमंद होता है। यह मधुमेह, तनाव, पीठ दर्द से पीडि़त व्यक्ति
को लाभ पहुंचाता है। यदि आप रोजाना एक घंटा हंसते हैं, तो लगभग 400
कैलोरी ऊर्जा की खपत हो जाती है।
हृदय के लिए फायदेमंद
हार्ट केयर ऑफ इंडिया के प्रेसिडेंट डॉ. के.के. अग्रवाल के अनुसार, हंसना
हृदय के लिए बहुत फायदेमंद है। यदि आप हंसते हैं, तो आपके शरीर से
एंडोर्फिन रसायन पैदा होता है। यह द्रव हृदय को मजबूत बनाता है। हंसने से
हार्ट अटैक की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसलिए चिंता छोड़ें और खूब
हंसें।
हंसी की अवस्थाएं
4सचेत हंसी की 3 अवस्थाएं हैं। प्रत्येक अवस्था 5-20 मिनट की होती है।
4अंगड़ाई लेते हुए अपने शरीर को तानें और गहरी सांस लें। शरीर को तानने
की शुरुआत हथेलियों और तलवे से करें। इसके बाद क्रम से शरीर के अन्य
अंगों में तनाव लाएं। अपने मुंह को खोलें और चेहरे की सभी मांसपेशियों
में तनाव लाते हुए कई विचित्र आकृतियां बनाएं।
4कुछ मजेदार क्षणों को याद करें। हल्के-फुल्के चुटकुले, लतीफों को भी याद
कर हंसें। यदि आपने हंसना-खिलखिलाना शुरू कर दिया है, तो इसे जारी रखें।
स्वयं को यह एहसास कराएं कि हंसी आपके हृदय, पेट से गुजरती हुई आपके
तलवों तक आ गई है। अब आप जमीन पर लेटकर शरीर को गोल-गोल घुमाएं, लेकिन इस
दौरान हंसते भी जाएं।
4हास्य ध्यान का अंतिम चरण मौन है। अपनी आंखें बंद कर चुपचाप अपनी सांसों
पर ध्यान दें।
[स्मिता]