माँ तो बस माँ होती है

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sujata shrivastava

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Apr 11, 2012, 6:11:38 AM4/11/12
to हिन्दी-कविता
माँ तो बस माँ होती है
पर साथ माँ का मिलता है उसको जिसकी किस्मत अच्छी होती है
मन से मन की बांधती डोर
पुकारू माँ को चारो ओर
न पाकर साथ में माँ को बेचैनी सी होती है
माँ तो बस माँ होती है
साथ नहीं फिर भी एहसास है माँ का
याद नहीं फिर भी इंतज़ार है माँ का
दूर रहकर भी हर दुःख मे माँ साथ मेरे होती है
माँ तो बस माँ होती है
परेशानियों में जब मै घिर जाती हूँ
दुनिया की भीड़ में जब खुद को अकेला पाती हूँ
घबराता है मन तो आंसुओ के साथ मेरे माँ की यादें सोती है
माँ तो बस माँ होती है
अपने सपने बताना चाहती हूँ
आंचल में तेरे सारे सारे दुःख भुलाना चाहती हूँ
कैसे बताऊ माँ तेरी हर पल कितनी जरुरत होती है
माँ तो बस माँ होती है
हाथ पकड़ तेरा गिरना सम्हलना
खिलौने की जिद कर रोना मचलना
माँ बचपन एक बार फिर जीने की इच्छा होती है
माँ तो बस माँ होती है
नहीं समझ पता कोई माँ मुझको
मेरे लिए माँ होना था तुझको
कहाँ है माँ तुम्हारी ये दुनिया मुझसे कहती है
माँ तो बस माँ होती है
हार गयी माँ अब इस जिंदगी की धूप से
छाव दो और ले चलो दूर माँ सबसे
बच्चो को साथ न ले जाने की माँ क्या मजबूरी होती है

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