३५८०. मँहगाई में किल्लत भारी— १-२-२०१२

73 views
Skip to first unread message

Dr.M.C. Gupta

unread,
Feb 1, 2012, 1:58:35 AM2/1/12
to hindi...@googlegroups.com, Hindienglishpoetry

३५८०. मँहगाई में किल्लत भारी १-२-२०१२


 

मँहगाई में किल्लत भारी

 सब्जी दाल औ’ तरकारी

 

रूखी रोटी मिल जावै तो

मनवा होवै बहुत सुखारी

 

बच्चे रोज़ खिलौने माँगैं

चुप है, क्या करिहै महतारी

 

घर में नहीं मिठाई आवै

न मनिहै त्यौहार दिवारी

 

जनता ख़लिश मनावै फाके

नेता माल छकै सरकारी.

 

दिवारी = दीपावली

 

महेश चन्द्र गुप्त ख़लिश

१४ अक्तूबर २०११

 



--
(Ex)Prof. M C Gupta
MD (Medicine), MPH, LL.M.,
Advocate & Medico-legal Consultant
www.writing.com/authors/mcgupta44


Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages