Description
विचार-सम्प्रेषण मानव-विकास के इतिहास का मूल है। किंतु यदि सम्प्रेषण स्वभाषा में न हो; तो वह प्रगति में सहायक नहीं होता, अपितु मार्ग में अवरोधक बनकर उसे कुंठित कर देता है। अत: यह ई-समूह स्वभाषा और निर्बाध वैचारिक-सम्प्रेषण के प्रति समर्पित है।