"पीयूष ओझा" <piyus...@gmail.com>: Jul 10 03:20PM -0700
नारायण जी, यहाँ मुख्य भाव तनाव (tension) है और रूपक (coiled or compressed
spring) गौण है। हिंदी में तनाव की अभिव्यक्ति के लिए धनुष और प्रत्यंचा का
रूपक स्वाभाविक है इसलिए मुझे उचित लगता है। अनुवाद में कमानी का रूपक ही
प्रयुक्त हो यह मेरी समझ में आवश्यक नहीं है।
Anil Janvijay <anilja...@gmail.com>: Jul 11 07:28PM +0300
बात ढीले-ढाले स्प्रिंग की नहीं, बल्कि ख़ूब सख़्त या कसे हुए स्प्रिंग की हो
रही है।
मोटर-कारों, ट्रकों, रेलगाड़ियों के डिब्बों में कमानी ऐसे ही सख़्त स्प्रिंगों
की होती है।
मेरे ख़याल से यदि अनिवार्य रूप से शाब्दिक अनुवाद ही करना हो तो इस प्रकार से
किया जा सकता है --
हुकुम की बेग़म कहानी को संक्षिप्त (या छोटा) नहीं किया जा सकता है। वह कहानी
किसी सख़्त स्प्रिंग की तरह कसी-बुनी हुई है।
वैसे यह अनुवाद भी बेहद अच्छा है -- कहानी खिंची हुई प्रत्यंचा की तरह कसी हुई
है।
--
Anil Janvijay
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