मिज़ाज या मिजाज़?

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रजनीश मंगला

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Feb 6, 2011, 5:28:03 PM2/6/11
to हिंदी अनुवादक (Hindi Translators)
पहले शब्द के गूगल में कोई दस हज़ार और दूशरे शब्द के कोई सोलह हज़ार
परिणाम मिलते हैं। कौन सा सही है?

Anindita Basu

unread,
Feb 6, 2011, 11:59:26 PM2/6/11
to hindian...@googlegroups.com
Per the Urdu dictionary of Sahni and Mazhar, मिज़ाज (meem-ze-jeem)
Sorry, couldn't find an online link to post with this reply
2011/2/7 रजनीश मंगला <rajnees...@gmail.com>
पहले शब्द के गूगल में कोई दस हज़ार और दूशरे शब्द के कोई सोलह हज़ार
परिणाम मिलते हैं। कौन सा सही है?

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Yogendra Joshi

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Feb 7, 2011, 1:15:10 AM2/7/11
to hindian...@googlegroups.com
हिंदी शब्दकोश के अनुसार तो मिज़ाज ही सही है । एक सवाल सदैव मेरे मन में उठता है । क्या अन्य भाषाओं से लिए गये शब्दों का हिन्दीकरण नहीं हो जाना चाहिए? तदनुसार मिजाज लिखना पर्याप्त नहीं होगा ? मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि सभी भाषाओं का ध्वनि-समुच्चय आम तौर पर अलग-अलग होता है और उसी समुच्चय के अनुसार शब्दोच्च्चारण किया जाता है । विशेषज्ञों को ऐसे शब्दों के सही उच्चारण भले ही आम तौर मालूम हों, आम आदमी तो उन्हीं अपनी सुपरिचित ध्वानियों के अनुरूप ही बोलेगा और लिखेगा । अंग्रेजी में तो ऐसा ही देखने को मिलेगा । एक अंग्रेज संस्कृत के कई शब्दों को अपनी लैटिन लिपि में सही-सही लिख ही नहीं सकता, और पढ़ने वाला ऐसा ही पढ़ेगा जैसा वह अपनी भाषा के अनुकूल ठीक समझेगा । क्या कोई लटिन में विशेषक चिह्नों (diacritics) के बिना ऋतु एवं रितु, ज्ञान एवं ग्यान, रामः एवं रामह्‌, आदि को स्पष्टतः भिन्न वर्तनी के साथ लिख सकता है, और संस्कृत न जानने वाले को सही पढ़वा सकता है? - योगेन्द्र जोशी

2011/2/7 Anindita Basu <ab.tec...@gmail.com>

Suyash Suprabh (सुयश सुप्रभ)

unread,
Feb 7, 2011, 2:09:57 AM2/7/11
to hindian...@googlegroups.com
योगेंद्र जी,

हिंदी में नुक्‍ते का सवाल बहुत उलझा हुआ है। बहुत-से लोग 'ज़रूरी', 'ज़रूरत' आदि शब्दों में नुक्‍ते का उच्चारण करते हैं। प्रिंट मीडिया में इसका प्रयोग नहीं के बराबर होता है, लेकिन रेडियो और टीवी के अधिकतर कार्यक्रमों में इसका प्रयोग होता है। अभी हिंदी में केवल 'ज' और 'फ' में इसका प्रयोग करने की प्रवृत्ति देखी जा सकती है। शायद इसका कारण यह है कि 'ज़' और 'फ़' अंग्रेज़ी के शब्दों में भी होते हैं।

सादर,

सुयश
9811711884

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2011/2/7 Yogendra Joshi <yogendr...@gmail.com>

kartik Saini

unread,
Feb 7, 2011, 8:48:57 AM2/7/11
to hindian...@googlegroups.com
नमस्कार,
यदि नुक्ता लगाने या न लगाने से अर्थ में कोई फर्क नहीं आ रहा है तो सामान्य नियम यही है कि नुक्ता लगाने की जरुरत नहीं है. वैसे जिस अक्षर पर जबर या जोर आ रहा है उसके नीचे नुक्ता लगता है. इसलिए मिजाज के बीच वाले ज के नीचे नुक्ता आना chahiye

2011/2/7 Suyash Suprabh (सुयश सुप्रभ) <translate...@gmail.com>
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