प्रत्युत्तर: {हिंदी अनुवादक} ‘सौहार्द’ बनाम ‘सौहार्द्र’..मार्गदर्शन करें..

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devendra...@gmail.com

unread,
Jul 29, 2012, 4:22:17 AM7/29/12
to jaikau...@gmail.com, hindian...@googlegroups.com
सुह्रद > सौहार्द >नेक़दिली > तो इसे मैत्री मेँ ही रखेँ ढेर अर्थ होते हैँ संस्कृत हिंदी मेँ जिनका पात्र प्रसंगानुकूल अर्थग्रहण युक्तिसंगत होता है यथा ;परहित को अन्य या इतर औरोँ की भलाई के अर्थ मेँ ळेना ठीक है इसे पर= पंख के हित मेँ कहना ठीक होगा क्या कोष तो तमाम विकल्पोँ पर प्रकाश डालते हैँ वैसे आप मुझसे असहमति का पूरा अधिकार रखते हैँ अदना लेखक मिडिल अध्यापक की औक़ात ही क्या वह भी हिंदी का

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मेरें Nokia फ़ोन से भेजा गया

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From: jai kaushal <jaikau...@gmail.com>
To: <hindian...@googlegroups.com>
Date: रविवार, 29 जुलाई, 2012 1:03:46 अपराह्न GMT+0530
Subject: {हिंदी अनुवादक} ‘सौहार्द’ बनाम ‘सौहार्द्र’..मार्गदर्शन करें..

दो शब्द हैं- ‘सौहार्द’ एवं ‘सौहार्द्र’।

‘हिंदी शब्दसागर’ में इनको निम्न रूप/अर्थों में देखा जा सकता है:

*सौहार्द* -संज्ञा पुं० [सं०] १. सुहृद का भाव । मित्रता । मैत्री । सख्य । दोस्ती
। २. सुहृद या मित्र का पुत्र । ३. मन की ऋजुता । हृदय की सरलता (को०) । ४. सद्भाव
(को०) (पृष्ठ संख्या-5330)।

शुष्क १ वि० [सं०]- १.जिसमें किसी प्रकार की नमी या गीलापन न रह गया हो । जो
किसी प्रकार सुखा लिया गया हो । आर्द्रता- रहित । सूखा । खुश्क । जैसे,—शुष्क
काष्ठ । २. जिसमें जल या और किसी तरल पदार्थ का व्यवहार न किया गया हो । ३. जिसमें
रस का अभाव हो । नीरस । रसहीन । ४. जिससे मनोरंजन न होता हो । जिसमें मन न
लगता हो । जैसे,—शुष्क विषय । ५. जिसका कुछ परिणाम न निकलता हो । निरर्थक । व्यर्थ
। जैसे,—शुष्क वादविवाद । ६. जिसमें *सौहार्द्र* आदि कोमल मनोवृत्तियाँ न हों
। स्नेह आदि से रहित । निर्मोही । ७. जो बिलकुल पुराना और बेकाम हो गया हो ।
जीर्ण शीर्ण । ८. निराधार । निष्कारण (को०) । ९. झुर्रीदार । सिकुड़नवाला ।
कृश (को०) (पृष्ठ संख्या-4776)।

यहाँ ‘शुष्क’ शब्द का एक अर्थ दिया गया है- जिसमें *सौहार्द्र* आदि कोमल
मनोवृत्तियाँ न हों । स्नेह आदि से रहित । निर्मोही।

मित्रो, अब जानना ये है कि क्या ‘सौहार्द’ और ‘सौहार्द्र’ का एक जैसे अर्थ
यानी मैत्री के लिए प्रयोग किया जा सकता है? (क्योंकि थोड़ा खींचकर सही, पर
स्नेह-युक्त व्यक्ति सद्भाव रखने वाला अर्थात सख्य-भाव रखने वाला कहा जा सकता
है।)

मार्गदर्शन करें..

--
Dr. Jai Kaushal
Assistant Professor
Deptt. of Hindi
C/O City Centre, Gandhighat
Tripura University
Agartala-799022
Cell- +919612091397, +91381-2379043 (O)
Email-jai...@gmail.com, jaika...@in.com
Website: www.tripurauniv.in
Profile:http://www.tripurauniv.in/index.php/jaikaushal.html
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Navneet Kumar

unread,
Jul 29, 2012, 5:58:29 AM7/29/12
to hindian...@googlegroups.com
मेरे विचार से सौहार्द्र शब्द सही नहीं है क्योंकि सौहार्द्र की
व्युत्पत्ति ही ठीक नहीं बैठती। देखिए-
सुह+आर्द्र, यहाँ सुह शब्द का अर्थ क्या होगा?
सु+हार्द्र, और यहाँ हार्द्र का अर्थ नहीं बनता। यदि बनाया जाए तो बन भी
सकता है पर खींचतान से मतलब क्या? ह+आर्द्र, ह=निश्चित रूप से।
इस प्रकार सु+ह+आर्द्र अर्थात् अच्छा व निश्तिच रूप से गीला । तो इस भाव
को ध्यान में रख कर दूसरा अर्थ निकाला जा सकता है।
पर जब सौहार्द से काम चल जा रहा है तो एक अक्षर अधिक लगाना कहाँ तक उचित है।

--
»नवनीत कुमार

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