हलंत लगा अक्षर अलग से कैसे दिख सकता है?

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Lingual Bridge

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Dec 28, 2011, 10:36:26 AM12/28/11
to हिंदी अनुवादक (Hindi Translators)
मित्रो,

मैं विंडोज़ एक्स पी और इसके अंतर्गत Regional and Language Options से
हिंदी यूनीकोड सक्रिय करके इनस्क्रिप्ट में टाइप करता हूँ।


दिक्कत यह है कि हलंत वाले अक्षर (जैसे उद्गम, सद्विश्वास, तद्भव
इत्यादि) अलग से नहीं दिखते हैं जबकि मैं चाहता हूँ कि ये हलंत के साथ
अलग से दिखें। मैंने कहीं-कहीं इन्हें इनस्क्रिप्ट में अलग से टाइप किया
हुआ भी देखा है।

इसके लिए किस युक्ति का उपयोग करना चाहिए?

शुभकामनाओं सहित,

चोपड़ा

Suyash Suprabh (सुयश सुप्रभ)

unread,
Dec 28, 2011, 10:53:09 AM12/28/11
to hindian...@googlegroups.com
चोपड़ा जी,

अगर आप 'तद्‍भव' लिखना चाहते हैं तो 'तद्' लिखने के बाद Ctrl, Shift और 1 दबाएँ। इसके बाद 'भव' लिखें। ऐसा करने पर हल् चिह्न अलग से दिखेगा।

सादर,

सुयश

२८ दिसम्बर २०११ ९:०६ अपराह्न को, Lingual Bridge <lingua...@gmail.com> ने लिखा:

--
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vinayak kale

unread,
Dec 28, 2011, 12:18:10 PM12/28/11
to hindian...@googlegroups.com
ctrl+shift+ 2= श्
ctrl+shift+ 1= श्‍


--
Vinayak kale,
Research Scholar,
Deptt. of Hindi,
University of Hyderabad,
Hyderabad- 500046,
Mobile:+919490318007

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Dec 28, 2011, 8:26:02 PM12/28/11
to hindian...@googlegroups.com
यह फॉण्ट पर भी निर्भर करता है कि वह संयुक्त अक्षरों को कैसे दिखाये। उदाहरण के लिये मंगल फॉण्ट का ऍक्सपी वाला वर्जन कुछ को तो संयुक्त दिखाता था कुछ को अलग जबकि विण्डोज़ ७ वाला वर्जन अधिकतर को अलग दिखाता है। दूसरी ओर लोहित देवनागरी तथा संस्कृत २००३ संयुक्त रूप में ही दिखाते हैं।

अगर आप फोर्सिबली अलग दिखाना चाहते हैं (ऐसा करने पर वह संस्कृत २००३ जैसे फॉण्टों में भी अलग दिखेगा) तो ZWJ और ZWNJ कैरेक्टरों का प्रयोग करें। ये दो अदृश्य यूनिकोड कैरैक्टर हैं।

सामान्य रूप:-
भक्त = भ+क्+त
जुड़ने से रोकना:-
भक्‍त = भ+क्+(Ctrl+Shift+1)+त
हलन्त सहित दिखाना:-
भक्‌त = भ+क्+(Ctrl+Shift+2)+त

ऊपर पहला और दूसरा रूप मंगल फॉण्ट के विण्डोज़ ७ वाले वर्जन में समान दिखेंगे इसलिये अन्तर देखने के लिये लोहित देवनागरी या एरियल यूनिकोड ऍमऍस फॉण्ट का प्रयोग करें।
२८ दिसम्बर २०११ १०:४८ अपराह्न को, vinayak kale <vinay...@gmail.com> ने लिखा:



--
Shrish Benjwal Sharma (श्रीश बेंजवाल शर्मा)
~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~
If u can't beat them, join them.

ePandit: http://epandit.shrish.in/

Prashant Dhyani

unread,
Dec 29, 2011, 12:53:43 AM12/29/11
to hindian...@googlegroups.com
ऊपर दी गई जानकारी के लिए धन्यवाद। सुयश जी, श्रीश शर्मा जी तथा इस समूह के सभी सदस्यों  का मैं अत्यंत आभारी हूँ।  मैं कई डीआरडीओ में अनुवाद के पद पर कार्यरत रहा हूँ और अब मेरा चयन एनएचपीसी में राजभाषा अधिकारी के पद पर हो गया है। और मेरी इस उपलब्धि में इस समूह का बहुत बड़ा योगदान है।  

हिन्दी टाइपिंग से सम्बन्धित कुछ प्रश्न मुझे काफी परेशान कर रहे हैं कृपया मार्गदर्शन करें -

1. एक परेशानी ये है कि क्या हिन्दी का कोई मानक स्वरूप उपलब्ध नहीं हो पाया है जो अलग-अलग यूनिकोड फोन्टों में इस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। सबसे पहले तो हिन्दी के टाइपिंग स्वरूप को एक मानक रुप देना अत्यंत आवश्यक है

2.श्रृंगार को सही रूप में दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है.... 
3.  क्या प्रश्‍नवाचक चिह्‍न,  / (स्लैश आदि चिह्‍न ) तथा रुपए के लिए नया चिह्‍न प्रदर्शित करने के लिए (बिना अंग्रेजी कीबोर्ड में स्विच किए) क्या हिन्दी देवनागरी कीबोर्ड में टाइप किया जाना सम्भव है। 

2. हिन्दी देवनागरी में मंगल फॉन्ट को डिफॉल्ट रूप में रखा गया है, जबकि एरियल यूनिकोड फोन्ट अधिक सुन्दर दिखाई देता है, इसे क्यों नहीं डिफॉल्ट रूप दिया गया। या मंगल फोन्ट में ही सुधार किया जाए। 

3. इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड डिफॉल्ट की बोर्ड है लेकिन फोनेटिक का प्रचार अधिक किया जाता है, लेकिन फोनेटिक के लिए हमें अलग से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना पड़ता है साथ ही फोनेटिक में एकरूपता नहीं है। इसे भी इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड के साथ डिफॉल्ट स्थान दिया जाना चाहिए।  मैं कई वर्षों से रेमिंगटन का प्रयोग करता था लेकिन इंस्क्रिप्ट के बारे में जानने पर मैंने इसे सीखना प्रारम्भ किया और अब काफी अच्छी तरह इसमें टाइप कर लेता हूँ, पर कार्यशालाओं में लोगों को सिखाने के लिए फोनेटिक की भी आवश्यकता पड़ती है। आई एम ई इंस्टाल करने पर कई प्रकार के कीबोर्ड सामने आ जाते हैं, यहाँ पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। अगर यही स्थिति रही तो हिन्दी टाइपिंग आगे बढने के बजाय कीबोर्ड के फेर में ही उलझी रहेगी। बेहतर हो कि तीन प्रमुख की बोर्ड को ही रख जाए बाकी कीबोर्ड आई एम ई से हटा दिए जाएं।


धन्यवाद

प्रशान्त ध्यानी

    

2011/12/29 ePandit | ई-पण्डित <sharma...@gmail.com>

Hariraam

unread,
Dec 29, 2011, 2:16:18 AM12/29/11
to hindian...@googlegroups.com
प्रशान्त जी,


On 29-12-2011 11:23, Prashant Dhyani wrote:
हिन्दी टाइपिंग से सम्बन्धित कुछ प्रश्न मुझे काफी परेशान कर रहे हैं कृपया मार्गदर्शन करें -

1. एक परेशानी ये है कि क्या हिन्दी का कोई मानक स्वरूप उपलब्ध नहीं हो पाया है जो अलग-अलग यूनिकोड फोन्टों में इस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। सबसे पहले तो हिन्दी के टाइपिंग स्वरूप को एक मानक रुप देना अत्यंत आवश्यक है

भारत सरकार द्वारा भारतीय भाषाओं के लिए सकल भारती फोंट विकसित किया जा रहा है, इसमें मानक स्वरूप उपलब्ध होने की आशा है।

2.श्रृंगार को सही रूप में दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है....
शृ (श के नीचे ृ मात्रा) और पुराने रूप के आड़े श के नीचे ृ की मात्रा दोनों के कूट एक ही हैं। तकनीकी सरलता की दृष्टि से शृ को ही स्वीकार किया गया है। देखें -
 
3.  क्या प्रश्‍नवाचक चिह्‍न,  / (स्लैश आदि चिह्‍न ) तथा रुपए के लिए नया चिह्‍न प्रदर्शित करने के लिए (बिना अंग्रेजी कीबोर्ड में स्विच किए) क्या हिन्दी देवनागरी कीबोर्ड में टाइप किया जाना सम्भव है।
जी हाँ,
(1) इनके युनिकोड कोड नं. टाइप करके सेलेक्ट करके Alt+x दबा दें।
(2) या यदि वर्ड पैड में कार्य कर रहे हों तो Alt कुंजी को दबाए रखकर Numerical Keypad से उक्त वर्ण के दशमलव कोड नं. टाइप करें।
(3) अपना कीबोर्ड लेआउट स्वयं बना लें। MSKLC के सहारे। या किसी से बनवा लें।




2. हिन्दी देवनागरी में मंगल फॉन्ट को डिफॉल्ट रूप में रखा गया है, जबकि एरियल यूनिकोड फोन्ट अधिक सुन्दर दिखाई देता है, इसे क्यों नहीं डिफॉल्ट रूप दिया गया। या मंगल फोन्ट में ही सुधार किया जाए। 

मंगल विण्डोज का सीस्टम का डिफॉल्ट हिन्दी फोंट है। मीनू कमांड, फाइल नाम, आदि अति छोटे अक्षरों में भी स्क्रीन पर सही रीति दिखाने की दृष्टि से इसका विकास किया गया है। अतः यह डिफाल्ट रूप में रहेगा। विण्डोज 7 का मंगल फोंट द्विभाषी है, हिन्दी अंग्रेजी के अक्षरों की समरूपता है। द्विभाषी कार्यों के लिए भी ठीक है।

एरियल युनिकोड एमएस फोंट अन्तर्राष्ट्रीय फोंट है, जिसमें विश्व की सभी भाषाओं के अक्षर हैं, इसकी फाइल साइज लगभग 24 मेगाबाइट की है। सभी कम्प्यूटरों में यह नहीं चल पाता। इसमें कम्पोज की गई सामग्री की प्रिंट करने में समय ज्यादा लगेगा। क्योंकि सॉफ्टफोंट हर मुद्रण कमांड के साथ प्रिंटर रोम में डाउनलोड होगा, या फिर ग्राफिक मोड में प्रिंट होगा। एरियल युनिकोड एम.एस. फोंट में हिन्दी और अंग्रेजी तथा अन्य भाषाओं के अक्षरों की लम्बाई, मोटाई, चौड़ाई और ऊँचाई समान नहीं है। अकसर साइन स्पेसिंग कम या ज्यादा हो जाती है, तदनुसार, जो काफी बुरी लगती है।

3. इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड डिफॉल्ट की बोर्ड है लेकिन फोनेटिक का प्रचार अधिक किया जाता है, लेकिन फोनेटिक के लिए हमें अलग से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना पड़ता है साथ ही फोनेटिक में एकरूपता नहीं है। इसे भी इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड के साथ डिफॉल्ट स्थान दिया जाना चाहिए।  मैं कई वर्षों से रेमिंगटन का प्रयोग करता था लेकिन इंस्क्रिप्ट के बारे में जानने पर मैंने इसे सीखना प्रारम्भ किया और अब काफी अच्छी तरह इसमें टाइप कर लेता हूँ, पर कार्यशालाओं में लोगों को सिखाने के लिए

फोनेटिक की अपनी सीमाएँ हैं। सभी अक्षर, विशेषकर वर्द्धित देवनागरी के अक्षरों को टाइप करना कठिन होता है। फिर भी गूगल ट्रांसलिटरेशन बेहतर है।

Prashant Dhyani

unread,
Dec 29, 2011, 11:59:22 PM12/29/11
to hindian...@googlegroups.com
आदरणीय हरिराम जी,
सादर प्रणाम

बहुत-बहुत धन्यवाद मेरी समस्याओं का हल बताने के लिए। यदि संभव हो तो कृपया विशेष चिह्‍नों के प्रयोग हेतु यूनिकोड के कोड के प्रयोग एवं MSKLC द्वारा कस्टमाइज कीबोर्ड बनाने संबंधी जानकारी विस्तार से उपलब्ध करा दें अथवा कोई लिंक बता दें जहाँ इस पर विस्तार से जानकारी प्राप्त हो सके। क्या कस्टमाइज कीबोर्ड  एम एस वर्ड, एक्सेल तथा पावर प्वाइंट तीनों में समान रूप से कार्य करेगा।

धन्यवाद।

प्रशान्त ध्यानी



2011/12/29 Hariraam <hari...@gmail.com>

ePandit | ई-पण्डित

unread,
Dec 30, 2011, 2:42:35 AM12/30/11
to hindian...@googlegroups.com
प्रसन्नता की बात है कि समूह द्वारा दी गयी जानकारियाँ आपके व्यावहारिक रूप से काम आ रही हैं।


1. एक परेशानी ये है कि क्या हिन्दी का कोई मानक स्वरूप उपलब्ध नहीं हो पाया है जो अलग-अलग यूनिकोड फोन्टों में इस प्रकार की समस्याएं आ रही हैं। सबसे पहले तो हिन्दी के टाइपिंग स्वरूप को एक मानक रुप देना अत्यंत आवश्यक है

फॉण्ट निर्माताओं को इस मामले में किसी मानक का पालन करने के लिये बाध्य नहीं किया जा सकता। सभी की पसन्द हमेशा एक जैसी नहीं हो सकती। कोई संयुक्ताक्षरों को जुड़े हुये पारम्परिक स्वरूप में दिखाना चाहेगा कोई अलग रूप में। आवश्यकतायें भी भिन्न-भिन्न होती हैं। जैसे बच्चों की हिन्दी की शुरुआती पाठ्य-पुस्तकों में इन्हें अलग-अलग रूप में ही दिखाना चाहिये जबकि किसी संस्कृत पुस्तक में पारम्परिक स्वरूप में ही दिखाना होगा। इसी के अनुसार फॉण्ट भी होंगे।
 
2.श्रृंगार को सही रूप में दिखाने के लिए क्या किया जा सकता है.... 

पहली बात तो कृपया श्रृंगार नहीं शृंगार लिखें।

शृंगार को सही रूप में दिखाने के लिये आप संस्कृत २००३ (प्रिंट एवं ग्राफिक्स हेतु) या लोहित देवनागरी (स्क्रीन रीडिंग हेतु) फॉण्ट का प्रयोग करें।
 
3.  क्या प्रश्‍नवाचक चिह्‍न,  / (स्लैश आदि चिह्‍न ) तथा रुपए के लिए नया चिह्‍न प्रदर्शित करने के लिए (बिना अंग्रेजी कीबोर्ड में स्विच किए) क्या हिन्दी देवनागरी कीबोर्ड में टाइप किया जाना सम्भव है। 

इसके लिये कस्टम कीबोर्ड बनाना ही सही उपाय है। कई साथी पहले यह समस्या बता चुके हैं, आजकल जनगणना कार्य में व्यस्त हूँ। समय मिलने पर इसका समाधान करूँगा। आप स्वयं भी यह कार्य कर सकते हैं।

2. हिन्दी देवनागरी में मंगल फॉन्ट को डिफॉल्ट रूप में रखा गया है, जबकि एरियल यूनिकोड फोन्ट अधिक सुन्दर दिखाई देता है, इसे क्यों नहीं डिफॉल्ट रूप दिया गया। या मंगल फोन्ट में ही सुधार किया जाए।

मंगल फॉण्ट पीडीऍफ फाइलों तथा प्रिंट में भले सही न दिखता हो लेकिन यह स्क्रीन रीडिंग के हिसाब से बनाया गया है ताकि स्क्रीन पर छोटे से छोटे साइज में भी आसानी से पढ़ा जा सके। दूसरे फॉण्ट टैक्स्ट का साइज छोटा होने पर पढ़े नहीं जा सकते।

इसका विकल्प यह है कि आप लोहित देवनागरी फॉण्ट इंस्टाल कर लें। यह भी मंगल की तरह स्क्रीन रीडिंग के लिये उपयुक्त है पर दिखने में उससे सुन्दर है। विण्डोज़ का डिफॉल्ट फॉण्ट तो नहीं परन्तु ब्राउजर का डिफॉल्ट फॉण्ट आप बदल सकते हैं ताकि वेब पेज उसमें पढ़े जा सकें।
 
3. इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड डिफॉल्ट की बोर्ड है लेकिन फोनेटिक का प्रचार अधिक किया जाता है, लेकिन फोनेटिक के लिए हमें अलग से सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना पड़ता है साथ ही फोनेटिक में एकरूपता नहीं है। इसे भी इंस्क्रिप्ट कीबोर्ड के साथ डिफॉल्ट स्थान दिया जाना चाहिए।

यही तो समस्या है, फोनेटिक का कोई मानक नहीं इसलिये इसे स्थान नहीं दिया जा सकता। सबकी अपनी पसन्द है, किसे चुनेंगे आप।

दूसरी बात फोनेटिक में एक कुञ्जी से एक वर्ण नहीं होता, साथ ही इसकी (तथा रेमिंगटन की भी) टाइपिंग में प्रोग्रामिंग के द्वारा करैक्शन लॉजिक लगाने होते हैं जो कि विण्डोज़ के वर्चुअल कीबोर्डों द्वारा सम्भव नहीं है। इनके लिये अलग से ही टूल विकसित करने पड़ते हैं।
 
आई एम ई इंस्टाल करने पर कई प्रकार के कीबोर्ड सामने आ जाते हैं, यहाँ पर भ्रम की स्थिति उत्पन्न होती है। अगर यही स्थिति रही तो हिन्दी टाइपिंग आगे बढने के बजाय कीबोर्ड के फेर में ही उलझी रहेगी। बेहतर हो कि तीन प्रमुख की बोर्ड को ही रख जाए बाकी कीबोर्ड आई एम ई से हटा दिए जाएं।
 
आप शायद इण्डिक आइऍमई की बात कर रहे हैं जो कि माइक्रोसॉफ्ट का औजार है। दरअसल इसकी उपयोगिता अब रेमिंगटन के लिये ही रह गयी है, फोनेटिक के लिये केवल पुराने कुछ लोग ही इसे प्रयोग करते हैं वरना  बाकी लोग बरह आइऍमई या गूगल आइऍमई प्रयोग करते हैं।

बाकी इसमें दो-एक कीबोर्ड तो बिलकुल फालतू हैं जैसे वेबदुनिया वाला। रेमिंगटन वाले भी कई हैं, समस्या ये है कि कुछ लोग सीधे टाइपराइटर से इस पर आते हैं, कुछ कृतिदेव, कुण्डली आदि फॉण्टों से। इसीलिये रेमिंगटन के भी इसमें कई लेआउट हैं।

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