निःसंदेह हिंदी समृद्ध भाषा है और इसका शब्द भंडार प्रचुर है। जहाँ
अंग्रेजी में कतिपय संबंधो के लिए केवल aunt है, वहीं हिंदी में चाची,
ताई, बुआ, मौसी, मामी आदि पृथक शब्द हैं जो इसकी शब्द सम्पन्नता के
ज्वलंत उदाहरण हैं। लेकिन कभी-कभी यह जानकर दुखद आश्चर्य होता है कि
हिंदी में बीते हुए कल और आने वाले कल - दोनों के लिए एक शब्द है - कल,
जबकि अंग्रेज़ी में इसके लिए क्रमशः भिन्न शब्द yesterday और tomorrow
हैं।
हालांकि वाक्य पढ़ने के उपरांत अभीष्ट अर्थ ग्रहण किया जा सकता है और कोई
भ्रांति नहीं रहती, लेकिन जहाँ केवल yesterday और tomorrow का अनुवाद
करने की अपेक्षा हो, वहाँ इसे स्पष्ट करने के लिए बीती हुआ और आने वाला
लिखना ही पड़ता है।
इस संबंध में आपके विचार जानने की अभिलाषा है।
शुभकामनाओं सहित,
चोपड़ा
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On Feb 13, 8:50 am, pramod joshi <pjosh...@gmail.com> wrote:
> जो स्वाभाविक है वही इस्तेमाल होना चाहिए। जबरन किसी शब्द को गढ़ने से कोई लाभ
> नहीं। कल होगा, कल आएगा, कल आने दो वगैरह का कल टुमॉरो है। कल किया, कल खाया,
> कल हुआ में कल यस्टरडे है। बीता हुआ या आने वाला कल लिखने की कहां जरूरत है?
>
> 2011/2/13 Lingual Bridge <lingualbri...@gmail.com>