आप भी जरा फ़िर सोचिये

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मान्धाता सिंह

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Jan 9, 2012, 7:00:14 AM1/9/12
to Abhigyat, ALOK SINGH BHADOURIA, amarnath jha, Anita Kumar, ashish maharsi, Bhanupratapsingh, Bhojraj Singh, Dr. sheelavijay singh, Chandan Prtap Singh, chitrakoot ke sandeep richharia, Cmpersad Hindibharat, Mau Press club, prakash chandalia, Dhrindrapratapsingh Jaunpur, prakash chandalia, Dr. sheelavijay singh, Dr. vijay kumar singh, dr.nirupama varma, DURGESH SINGH, Onkareshwar pandey, Viplav Group, akanksha yadav andman, hindibhasha, Hindipathak, Hindivikash, hemant tiwari, Indianews, Nandini IG, Arvind pandey IPS, Hari S. Joshi, Jagdish Lal Gupta LIC, Manjul kumar Singh, Ajay Kumar Singh, Ashok pandey kaimur, KK Yadava ., Manjul kumar Singh, Sameer Lal, Jagdish Lal Gupta LIC, Nfs worrior !!@@DESTINY@@!!, Neeraj Rohilla, दीपक रस्तोगी ( Deepak rastogi ), Omprakash Ask, Dr.Santosh Ojha, alok puranik, PK Sharma, Prabhakarmanitewari, Prabhat Ranjan Deen, Prabhat Ranjan Deen, pramod kumar, Pramod Mallik, Rambihari Singh, Rajesh Tripathi, Rajesh Tripathi, rajputworld ratan singh shekawat, Sanjaytiwari, Vijay Shankar Pandey, Vinaybiharisingh, Yash Goenka, spsingh, Dr RJ SINGH
 आप भी जरा फ़िर सोचिये और स्वयं के लिये इन प्रश्नों के उत्तर खोजिये.....
१. गोधरा के बाद मीडिया में जो हंगामा बरपा, वैसा हंगामा कश्मीर के चार लाख हिन्दुओं की मौत और पलायन पर क्यों नहीं होता ?
२. विश्व में लगभग ५२ मुस्लिम देश हैं, एक मुस्लिम देश का नाम बताईये जो हज के लिये "सब्सिडी" देता हो ?
३. एक मुस्लिम देश बताईये जहाँ हिन्दुओं के लिये विशेष कानून हैं, जैसे कि भारत में मुसलमानों के लिये हैं ?
४. एक मुस्लिम देश का नाम बताईये, जहाँ का राष्ट्रपति या प्रधानमन्त्री गैर-मुस्लिम हो ?
५. किसी "मुल्ला" या "मौलवी" का नाम बताईये, जिसने आतंकवादियों के खिलाफ़ फ़तवा जारी किया हो ?
६. महाराष्ट्र, बिहार, केरल जैसे हिन्दू बहुल राज्यों में मुस्लिम मुख्यमन्त्री हो चुके हैं, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मुस्लिम बहुल राज्य "कश्मीर" में कोई हिन्दू मुख्यमन्त्री हो सकता है ?
७. १९४७ में आजादी के दौरान पाकिस्तान में हिन्दू जनसंख्या 24% थी, अब वह घटकर 1% रह गई है, उसी समय तत्कालीन पूर्वी पाकिस्तान (अब आज का अहसानफ़रामोश बांग्लादेश) में हिन्दू जनसंख्या 30% थी जो अब 7% से भी कम हो गई है । क्या हुआ गुमशुदा हिन्दुओं का ? क्या वहाँ (और यहाँ भी) हिन्दुओं के कोई मानवाधिकार हैं ?
८. जबकि इस दौरान भारत में मुस्लिम जनसंख्या 10.4% से बढकर 14.2% हो गई है, क्या वाकई हिन्दू कट्टरवादी हैं ?
९. यदि हिन्दू असहिष्णु हैं तो कैसे हमारे यहाँ मुस्लिम सडकों पर नमाज पढते रहते हैं, लाऊडस्पीकर पर दिन भर चिल्लाते रहते हैं कि "अल्लाह के सिवाय और कोई शक्ति नहीं है" ?
१०. सोमनाथ मन्दिर के जीर्णोद्धार के लिये देश के पैसे का दुरुपयोग नहीं होना चाहिये ऐसा गाँधीजी ने कहा था, लेकिन 1948 में ही दिल्ली की मस्जिदों को सरकारी मदद से बनवाने के लिये उन्होंने नेहरू और पटेल पर दबाव बनाया, क्यों ?
११. कश्मीर, नागालैण्ड, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय आदि में हिन्दू अल्पसंख्यक हैं, क्या उन्हें कोई विशेष सुविधा मिलती है ?
१२. हज करने के लिये सबसिडी मिलती है, जबकि मानसरोवर और अमरनाथ जाने पर टैक्स देना पड़ता है, क्यों ?
१३. मदरसे और क्रिश्चियन स्कूल अपने-अपने स्कूलों में बाईबल और कुरान पढा सकते हैं, तो फ़िर सरस्वती शिशु मन्दिरों में और बाकी स्कूलों में गीता और रामायण क्यों नहीं पढाई जा सकती ?
१४. किसी एक देश का नाम बताईये, जहाँ ८५% बहुसंख्यकों को "याचना" करनी पडती है, १५% अल्पसंख्यकों को संतुष्ट करने के लिये ?
विजयकृष्ण मिश्र ( परिचय इस प्रोफाइल पर देखिए। https://plus.google.com/u/0/116770879974678013959/about ) ने जीप्लस पर उठाए हैं ये सवाल।

   इन्ही सवालों पर मेरी एक टिप्पणी-----------
राजनीति की बिसात बिछाकर देश को बेचने वाले देश के रहनुमा पांच राज्यों में जनता से वोट मांग रहे हैं। जनता को यही सवाल नेताओं से पूछने चाहिए कि आप किस देश के हो ? उस भाजपा से भी पूछना चाहिए जो राममंदिर, धर्म व संस्कृति के नाम पर चुनाव लड़ती है। और खुद भी वहीं तुष्टिकरण के रास्ते पर चलती है। अल्पसंख्यक की परिभाषा की भी व्याख्या की जानी चाहिए। जब नौकरी के लिए राज्यों के कोटे होते हैं तो सभी राज्यों में जनसंख्या के आधार पर अल्पसंख्यक भी तय किए जाने चाहिए। अगर भारत को हिंदुओं का देश मानकर अल्पसंख्यक तय होते हैं तो फिर देश को धर्मनिरपेक्ष की परिभाषा से बाहर कर देना चाहिए। और मुस्लिम देशों की तरह पूरी दुनिया के हिंदुओं की रक्षा करनी चाहिए। हम मुसलमानों की सुविधा का विरोध नहीं करते मगर वहीं सुविधाएं सभी धर्मों के लोगों को मिलती तो आज शायद यह सवाल नहीं उठता। ना जाने इन सवालों पर कब जागेगा देश............।
 तेरी उल्फ़त के ख़रीदार तो कितने होंगे
तेरे गुस्से का तलबगार मिले या ना मिले
लिख दे मेरे ही मुक़द्दर में सज़ायें सारी_
फिर कोई मुझसा गुनहगार मिले या ना मिले



--
Dr. Mandhata Singh
From Kolkata (INDIA)
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