दिग्विजय ने शिवराज को कहा , एक जुबान का और विश्वसनीय आदमी नहीं है, म.प्र. का मुख्य मंत्री
कैलाश
विजयवर्गीय को पड़ जाये तमाचा तो वे बन जायेंगें मुख्यमंत्री, कांग्रेस के हल्ला बोल में जमकर बरसे दिग्विजय सिंह
उज्जैन , 30 अप्रेल , आज उज्जैन में कांग्रेस के हल्ला बोल कार्यक्रम
में म.प्र. के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव
दिग्विजय सिंह ने म.प्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर
ताबड़तोड़ हमला बोलते हुये कहा है कि क्या हालत बना दी है शिवराज सिंह ने
मध्यंप्रदेश की , चारों ओर बस अपराध ही अपराध , माफिया ही माफिया, गुण्डे
ही गुण्डे , बलात्कार ही बलात्कार , अ.जा. / ज.जा. के लोगों पर बेतहाशा
जुल्म और अत्या चार की इंतहा जो कि म.प्र के इतिहास में आज तक नहीं हुआ है ।
सारे रिकार्ड टूट गये हैं म.प्र. में । हमने अपनी सरकार में जो योजनायें
बनाईं वे ही आज विकसित और फलीभूत हो रहीं हैं, प्रदेश की गॉंव गॉंव तक
सड़कें बनाने की योजना हमने बनाई , काम हमने शुरू किया , जो हमने शुरू किया
वही आज दिख रहा है , शिवराज सिंह का खुद का तो कुछ है ही नहीं खुद के पास ।
अत्याचार अपराध और अन्याय के अलावा चारों ओर भ्रष्टााचार ,
निरंकुश प्रशासन और अफसर , लगता है जैसे पूरे प्रदश में अराजकता ही अराजकता
फैली हुयी है , प्रदेश में सरकार नाम की चीज ही नहीं रही है , प्रदेश का
मुख्यमंत्री बेअसर, प्रभावहीन, और नाकारा बन कर बैठा है , कैलाश विजयवर्गीय
जैसे अभद्र अशालीन भाषा बोलने, भ्रष्टाचार में आकंठ लिप्त को पाल पास रखा
है , सुनने में आया है कि किसी अफसर को पार्षद चंदू शिंदे ने तमाचा मार
दिया और उसके बाद उस अफसर की तरक्की हो गयी , इसका मतलब ये निकला कि अगर
चंदू शिंदे एक तमाचा कैलाश विजयवर्गीय में मार दे तो कैलाश विजयवर्गीय की
भी तरक्की होकर मुख्यमंत्री बन जायेंगें , एक और मंत्री विजय शाह ने भी
भाजपा संस्कृति की व्याख्याा करते हुये जब शिवराज सिंह के घर में ही हाथ
डाल दिया तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने उसका पद छीन लिया, लेकिन खुले आम
गुण्डागिरी कर रहे और निरंतर अभद्र व अशालीन भाषा का प्रयोग कर रहे, कैलाश
विजयवर्गीय का इस्तीफा लेने की हिम्मत ही नहीं है । कैलाश विजयवर्गीय किसी
में भी तमाचा मारें चाहें गाली गलौज करें , कैलाश विजयवर्गीय को संरक्षण और
विजयवर्गीय द्वारा सताये गये का भक्षण । हमने गरीबों को अज जजा के लोगों
को पट्टे दिये लेकिन सुनने में आ रहा है कि न केवल उनके पट्टे कैंसिल किये
जा रहे बल्किह उनकी खुद की भी जमीनें छीनी जा रहीं हैं ।
निहायत
ही लचर और प्रभावहीन, नियंत्रण हीन ऐसी सरकार म.प्र. के इतिहास में कभी
नहीं हुयी , कोई तो म.प्र. के मुख्यलमंत्री शिवराज सिंह को महाझूठा कहता है
तो कोई घोषणावीर , कोई लबरा कहता है, कोई लाफर या लाफड़ कहता है, कोई लबार
कहता है, कोई लपसा कहता है तो कोई लफ्फाज कहता है , ये क्याा हाल बना रखा
है शिवराज ने , कोई सुनता मानता ही नहीं है पूरे म.प्र. में शिवराज की ,
मुख्य मंत्री कुछ भी कहता रहे , कुछ भी बकता रहे , पूरे प्रदेश में दो
कौड़ी की कदर नहीं है , अरे भई सरकार का एक रूतबा होता है , एक तेजस्विता
होती है सरकार में जिससे सब कुशलता पूर्वक नियंत्रित भी होता है और सरकार
भी चलती है, मुख्य मंत्री रोजाना क्या कह रहे हैं, क्याा वायदा , क्या
घोषणा कर रहे हैं , न खुद को कुछ याद है , न सरकार के पास कोई हिसाब है ।
ये कोई मुख्ययमंत्री है कि एक घोषणा कर दे और दूसरे दिन उसी घोषणा के खिलाफ
पूरी सरकार और प्रशासन ठीक उलट काम करे । मुख्य मंत्री उसे कहा जाता है कि
जिसकी जुबान गंभीर हो , जिसकी बात में दम हो, वजन हो ‘’जिसमें यह तासीर
हो , कि जो कह दिया सो कह दिया, जो कर दिया सो कर दिया, फिर पूरी सरकार और
प्रशासन में दम नहीं कि उस बात के उलट कुछ कर पाये, मुख्यमंत्री द्वारा कही
गयी बात के खिलाफ कोई जा सके, मुख्य मंत्री के आदेश , घोषणा या वायदे को
कोई टाल सके या काट सके’’ , शिवराज सिंह क्या कहते हैं और क्या् करते हैं ,
उनकी हर घोषणा का , हर वायदे का क्याई अंजाम होता है , केवल म.प्र. के
लोग ही नहीं पूरे देश के लोग जानते हैं ।