सचिन ठाकुर

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रौशन जसवाल विक्षिप्त

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Oct 3, 2019, 11:54:19 PM10/3/19
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हिमाचल के पर्यावरण को लेकर हिमाचली सियासतदान इतने “चिंतित” हैं कि स्टोन क्रशर के लिए मापदंड तक हमारी न्यायपालिका को तय करने की नौबत आन पड़ी है| जब नीति निर्धारण भी न्यायधीशों की पंचायत को करना पड़े तो हमें सरकार चुनने की क्या जरूरत है और यह स्थिति इसलिए नहीं आई कि अदालत ने जबरन इस पुनीत कार्य को हथियाया हो बल्कि इसलिए हुआ क्योंकि आजकल की सरकारों को इन मूलभूत लेकिन अहम विषयों पर मंथन करने का वक्त ही नहीं है| सरकारें तो बदला, बदली, ठेका, टेंडर, सप्लाई, लीज के खेल में ही इतनी व्यस्त हैं कि नीति निर्धारण उनकी प्राथमिकता ही नहीं है| जिस तेजी और लापरवाही के साथ हमारे हुकुमरान जनहित के मामलों पर कोई तर्कसंगत नीति इजाद करने से बच रहे है उसी अनुपात में कचहरी का हस्ताक्षेप बढ़ना लाजिमी है| नेता लोग लुटेरे गिरोहों का दरबार कायम करके वीच-वचाव वाले सामंती किस्म के निर्णय करने के आदी हो गए है जिसमें फैसला सिर्फ यही होता है कि किसको कितनी रेवड़ी हिस्से में आएगी| जब अपने-अपने हिस्से की बंदर वांट करते-करते भी अराजकता का आलम हो जाता है तो फिर सारी वला हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सर पर डालकर ये लोग चिल्लाना शुरू कर देते है कि मामला न्यायालय के विचाराधीन है इसलिए पूर्व यथास्थिति कायम रख कर ही लूट-पाट को अंजाम दिया जाए| कार्यपालिका की जनहित के मुद्दों पर इस निर्णयहीनता के लिए हमारा विधि सामाज भी जिम्मेदार है क्योंकि वकील भी अपने रोजगार की गरज से ज्यादातर मामलों को अदालत की ही चौखट पर ले जाने का शातिराना सुझाव देने लग पड़े हैं| अंत में इस शून्य को आखिरकार जज ही भरने को मजबूर हैं जिसके चलते उन पर काम का बोझ इतना है कि सम्पूर्ण निष्पक्षता की उनसे उम्मीद करना भी वेमानी है| हमारी न्यायपालिका जैसी “पतिव्रता” संस्था को भी जब सियासती दोस्त हर दिन हमारे प्राकृतिक संसाधनों की लूट-खसोट का मुजरा दिखाने लग जाएँ तो फिर उसका न्यायिक “कौमार्य” भी कितने दिन तक कायम रहेगा| और सबसे अहम सवाल यह कि जब विजली पानी और सड़क बनाने का फैसला भी हमारी अदालत को ही करना पड़े तो नेताओं को वेतन या पेंशन ही क्यों दी जाए? 
पर्यावरण बचाव सबके लिए आवश्यक है।क्या नेता,क्या जज,क्या वकील और क्या आमजन ।सांस सभी को इसी हवा से लेनी है।
सोचिये जरा!
सचिन ठाकुर,
प्रवक्ता,भौतिक शास्त्र,
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पालमपुर 
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