सभी सत्संगों, गीताओं, वेदों, उपनिषदों और शास्त्रों का सार

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mukesh bhatia

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May 29, 2010, 3:06:35 AM5/29/10
to sy...@googlegroups.com, hariomgr...@googlegroups.com, syvss-...@googlegroups.com, sadha...@googlegroups.com, syvs...@googlegroups.com, ashram...@googlegroups.com, thesucce...@googlegroups.com, jib...@googlegroups.com, Har...@googlegroups.com, hariom-...@googlegroups.com
हरी ओमजी,

आज के इस फास्ट युग में हर किसी के पास समय की कमी है, ऐसे में सभी लोग बापूजी का हर एक सत्संग सुनसकें इतना समय उनके पास नहीं है - इसीलीये हमने एक ऐसा ब्लॉग बनाया है जिसमे बापूजी के सभी सत्संगो का जो सार है और जो सबसे मुख्य बात है वोह इस ब्लॉग पर प्रस्तुत की है ताकि बापूजी के कोई सारे सत्संग न भी सुन सके तोह चले, पर जो सबसे जरूरी मुदा/बात है वोह क्या है, वह उसे पता हो

बड़े में बड़ा परमात्मा है उससे बड़ा कोई नहीं, परमात्मा को क्यों और कैसे पाया जाय वोह इस ब्लॉग पर बताया गया है

इस ब्लॉग पर आप अपने सुजाव, अभिप्राय दें ताकि इसे और भी बेहतर बनायाजासके, कृपया पड़िए और अपनी राय दीजिए

ब्लॉग एड्रेस है - http://saarsatsang.blogspot.com/

दन्यवाद

नारायण नारायण नारायण नारायण

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