प्रेमके
कारण ही भगवान् जीवको निरन्तर अपनी ओर खींचते रहते हैं, उसको किसी भी अवस्था, परिस्थिति आदिमें टिकने नहीं देते ! कोई भी अवस्था, परिस्थिति
नित्य नहीं रहती । जीव जिसको भी पकड़ता है, उसको भगवान्
छुड़ा देते हैं, यही भगवान्का जीवको अपनी ओर खींचना है । -
स्वामी रामसुखदास जी
‘जिन
खोजा तिन पाइया’ पुस्तकसे
http://www.satcharcha.blogspot.in/