ये दुश्मनी हम नही भूलेंगे ।
भूळेंगे सब मगर तेरा साथ न छोड़ेंगे ॥
तेरी जीत मेरी हार ।
मेरी जीत तेरी हार ॥
साथ मिलकर खायेंगे ।
हिंदू मुस्लिम चिल्लायेंगे ॥
सामने हो तकरार ।
बना रहे अपना प्यार ................
गाड़ी आकर रुकी दोनो को आसिफ़ भाई का दुख बताया गया । सुनते ही दोनो छिटक
कर दूर हो गये पर दावा एक सा किया हमे नाज है हिंद पर। हमने कहा भाई तुम
लोग तो खा रहे हो मौज उड़ा रहे हो तुमको तो इस हिंद पर नाज होगा ही वो
हिंद कहां है जिस पर आम आदमी नाज कर सके । इस पर दीपक भाजपाई को गुजरात
एमपी याद आया वहीं शर्मा कांग्रेसी को हरियाणा आंध्रा । हमने पूछा दोनो
का हिंद कहां है। दीपक भाजपाई बोले भाई ये सुनो कि कहां नही है यूपी मे
नही है शर्मा जी ने भी हामी भरी । हमने कहा जहा हिंद है वही तुम दोनो को
हिंद नजर नही आ रहा है । दोनो के दोनो पिल पड़े आपको यूपी मे हिंद नजर आ
रहा है आंख के अंधे नाम नयनसुख ।
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