एन.ए.पी.एम 30 वे साल: राष्ट्रीय अधिवेशन आमंत्रण: 1 से 4 मार्च, 2025, हैदराबाद: लोकतंत्र की रक्षा: संवैधानिक न्याय से जलवायु न्याय तक [अपना टिकट तत्काल बुक करें]

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Jan 1, 2025, 9:56:37 PMJan 1
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जरूरी प्रवास संबंधी जानकारी के बाद, विस्तृत निमंत्रण नीचे और संलग्न हैं:

Hindi Poster - NAPM 30th Year National Convention (1 - 4 March, Hyd).jpg

अति आवश्यक: प्रवास संबंधी जानकारी


अति-आवश्यक व तत्काल ध्यान हेतु: आगामी एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय सम्मेलन (हैदराबाद) के लिए रेल टिकट बुक करने वाले सभी लोगों के लिए:

1. कृपया ध्यान दें कि NAPM 30 वें वर्ष का राष्ट्रीय सम्मेलन 1 से 4 मार्च, 2025 तक हैदराबाद (तेलंगाना राज्य) में आयोजित किया जा रहा है। 

2. कृपया 28 फरवरी की शाम/रात या 1 मार्च सुबह जल्दी हैदराबाद पहुंचने और 4 मार्च की शाम/रात को हैदराबाद से वापसी की योजना बनाएं। 

3. रेल मंत्रालय के नए नियमों के अनुसार, प्रस्थान की तारीख से 2 महीने पहले ही आरक्षण संभव है। इसलिए, 28 फरवरी, 2025 को हैदराबाद पहुंचने वाली ट्रेनों के लिए बुकिंग स्लॉट 27 दिसंबर, 2024 से खुले चुके हैं। 

4. कृपया अपने सभी ट्रेन टिकटों की बुकिंग जनवरी के पहले सप्ताह तक कर लें, क्योंकि नए रेल नियमों और टिकटों की भारी बुकिंग भीड़ के कारण, आपको बाद में कन्फर्म टिकट उपलब्ध नहीं हो सकते हैं। कृपया अपनी ओर से और अपने आंदोलनों /संगठनों और राज्य के साथियों की ओर से समय पर ट्रेन बुकिंग सुनिश्चित करें।

5. हैदराबाद रेलवे स्टेशन (आई.आर.सी.टी.सी IRCTC में HYB कोड) सम्मेलन स्थल के सबसे नजदीक है। यदि संभव हो तो, हैदराबाद स्टेशन (उर्फ नामपल्ली) के लिए अपने टिकट बुक करें। अन्यथा, कृपया सिकंदराबाद (SC) या काचीगुडा (KCG) के लिए बुक करें। ये सभी रेलवे स्टेशन शहर के भीतर ही हैं और आयोजन स्थल के पहुंच में हैं। 

6. यदि आप बस टिकट बुक कर रहे हैं, तो MGBS - एम.जी.बी.एस (महात्मा गांधी बस स्टेशन) सबसे सुविधाजनक है। निजी बसों के लिए भी लकड़ीकापुल एक सुविधाजनक स्थान है। 

7. कृपया ध्यान दें कि अधिवेशन में भाग लेने के लिए आपको स्वयं खर्चे पे (स्वयं/अपने संगठन के माध्यम से), अपनी यात्रा का आयोजन करना होगा। एन.ए.पी.एम किसी का भी टिकट प्रायोजित करने या प्रतिपूर्ति प्रदान करने की स्थिति में नहीं है।

8.  एन.ए.पी.एम 30 साल - राष्ट्रीय अधिवेशन (हैदराबाद, 1 से 4 मार्च, 2025) के लिए आने वाले सभी से अनुरोध है कि वे टिकट बुक होते ही, अपना विवरण इस भागीदारी गूगल फॉर्म में तत्काल भरें । https://forms.gle/iZbbtf1dJkbr1LDH7

9.  तेलंगाना आयोजन टीम और एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय टीम भोजन और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी।अधिवेशन स्थल हैदराबाद / नामपल्ली रेलवे स्टेशन के बहुत करीब है।

यदि आपके कोई प्रश्न हों तो कृपया हमसे संपर्क करने में संकोच न करें।

आप सबको *खुशहाल और अर्थपूर्ण नये साल मुबारक। हैदराबाद में मिलने की उम्मीद

जिंदाबाद, 

एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय कार्यकारी समूह व तेलंगाना आयोजन समूह

फोन: 9701705743 / 9989924500

 


परिवर्तनकारी संघर्ष - निर्माण सफ़र के 30 वर्ष

जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एन.ए.पी.एम) के
30 वे साल: राष्ट्रीय अधिवेशन हेतु आमंत्रण

लोकतंत्र की रक्षा: संवैधानिक न्याय से जलवायु न्याय तक
1 से 4 मार्च, 2025 | एक्सबिशन मैदान, नामपल्ली, हैदराबाद (तेलंगाना)


प्रिय साथियों,

जिंदाबाद! 

जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय (एन.ए.पी.एम) के साथ, हमारी महत्वपूर्ण और परिवर्तनकारी यात्रा के 30 साल पूरे होने पर, हमें आपको 1 से 4 मार्च, 2025 तक एक्सबिशन मैदान, नामपल्ली, हैदराबाद (तेलंगाना) में होने वाले NAPM के राष्ट्रीय सम्मेलन में आमंत्रित करते हुए खुशी हो रही है। भारत भर के प्रगतिशील आंदोलनों, जन संगठनों, नागरिकों, NAPM के समर्थकों से हम अपील करते हैं कि इस महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग है। कृपया इस आमंत्रण को पढ़ें, अपनी टिकटें तुरंत बुक करें और आवश्यक विवरण के साथ, इस गूगल फॉर्म को भरकर सूचना दें। https://forms.gle/iZbbtf1dJkbr1LDH7कृपया 28 फरवरी की रात को हैदराबाद पहुंचने और 4 मार्च की रात वापसी की योजना बनाएं।

इस राष्ट्रीय अधिवेशन में, पूरे भारत से एकत्रित होकर,  हम धर्मनिरपेक्षता, सामाजिक – पर्यावर्णीय न्याय और समता के मूल्यों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मज़बूत करेंगे। यह अधिवेशन एन.ए.पी.एम की 3 दशकों से अधिक की महत्वपूर्ण यात्रा पर चिंतन करने, वैचारिक मंथन में शामिल होने, भारत भर के कई जन आंदोलनों को एकजुटता प्रदान करने और एन.ए.पी.एम के भविष्य के लिए एक संगठनात्मक दिशा तैयार करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। तेलंगाना राज्य के एक दशक पूरे होने पर, वहाँ के लोकतांत्रिक आंदोलनों को समर्थन देने का भी यह एक मौका होगा ।

पिछले तीन दशकों में भारत के सामाजिक-राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक परिदृश्य में कुछ बुनियादी बदलाव हुए हैं। हालाँकि, आम लोगों और प्रगतिशील आंदोलनों के सामने कई चुनौतियाँ वैसी ही हैं, जैसी 30 साल पहले थीं; या यूँ कहें कि और भी बढ़ गई हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर फासीवादी प्रवृत्तियाँ, कॉर्पोरेट अपराध, आर्थिक असमानताएं, जलवायु संकट, युद्ध और नरसंहार-हिंसा बढ़ रही है। इसके समानांतर रूप में, लोकतंत्र की रक्षा, पारिस्थितिकी, ज़मीनी स्तर के समुदायों और मानवाधिकारों की सुरक्षा के लिए शक्तिशाली जन-प्रतिरोध भी हो रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि एन.ए.पी.एम ने 90 के दशक की शुरुआत में अपनी यात्रा आरंभ की थी, जो उस समय के चुनौती बहुसंख्यकवाद और उदारीकरण के संकट का जवाब था। आज हम देखते हैं कि लंबे समय तक कई प्रगतिशील आंदोलनों के प्रयासों के बावजूद, फासीवाद और कट्टरवाद, कॉर्पोरेट लूट, संस्थानों पर राज्य का कब्ज़ा, जन-हितैषी कानूनों को कमज़ोर करना और दमनकारी कानून लागू करना, पितृसत्तात्मक, धार्मिक और जाति-आधारित हमले और भेदभाव की चुनौतियाँ कई गुना बढ़ गई हैं। जन आंदोलनों की कड़ी मेहनत से प्राप्त उपलब्धियों को अब प्रतिगामी सामाजिक-राजनीतिक ताकतों द्वारा सुनियोजित रूप से कमज़ोर व खत्म करने की कोशिशें लगातार चल रही है।

पिछले दशक में, खास तौर पर, जन आंदोलनों और लोकतांत्रिक आवाज़ों पर अभूतपूर्व पैमाने पर दमन देखा गया है। भाजपा-आर.एस.एस ने वास्तव में संविधान पर ही सीधा हमला किया है, जिसमें संघवाद, सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता, समाजवादी दृष्टिकोण आदि की नींव शामिल है। जम्मू-कश्मीर और मणिपुर जैसे क्षेत्रों में, भाजपा ने अपने जन-विरोधी हस्तक्षेप के माध्यम से अकल्पनीय क्षति पहुंचाई है। नोटबंदी और अनियोजित कोविड लॉकडाउन जैसे फैसलों ने लाखों लोगों के जीवन पर कहर बरपाया। बेरोज़गारी का चुनौती, संकटपूर्ण पलायन, धन की बढ़ती खाई, विविधता पर हमले, स्वतंत्र मीडिया पर अंकुश, लैंगिक अपराध, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न केवल बदतर ही हुआ है।

हालांकि, यह भी सच है कि भारत भर में किसानों, मजदूरों, आदिवासियों, दलितों, युवाओं, छात्रों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों आदि के बड़े पैमाने पर आंदोलनों ने बार-बार राज्य और प्रतिगामी ताकतों को चुनौती दी है। पिछले 5 वर्षों में विशेष रूप से कई संगठित प्रयासों ने, भाजपा के ‘रथ’ पर गतिरोधक लगाया, जैसा कि लोकसभा 2024 के चुनाव परिणामों में कम जनादेश और संसद के भीतर राजनीतिक विपक्ष के मज़बूत होने से परिलक्षित होता है। फिर भी, एनडीए सरकार के जन-विरोधी, प्रकृति-विरोधी दृष्टिकोण जारी हैं, जैसा कि हाल के निर्णयों - केंद्रीय बजट, तीन आपराधिक कानूनों को लागू करना, मज़दूर-विरोधी श्रम संहिताओं को आगे बढ़ाना आदि में देखा गया है। इस साल और अगले साल की शुरुआत में कई राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं और जन-आंदोलन, अभियान यह सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं कि संविधान को आघात पहुँचाने वाली राजनीतिक ताकतों को चुनाव में कमज़ोर किया जाए। स्वायत्त जनांदोलनों के रूप में हमारे समक्ष दोहरी चुनौती हैं - भाजपा के साथ-साथ, अन्य मुख्यधारा की पार्टियों और सत्तारूढ़ सरकारों को भी उनके जन-विरोधी, पर्यावरण-विरोधी निर्णयों के लिए जवाबदेह ठहराना।

इन दशकों के दौरान, एन.ए.पी.एम विभिन्न आंदोलनों के लिए सीखने और संघर्ष का एक महत्वपूर्ण केंद्र और संगम रहा है, जो लोकतंत्र, एकजुटता और समावेशी सोच के सिद्धांतों पर आधारित एक सच्ची, समतामूलक, न्यायपूर्ण दुनिया में विश्वास करते हैं। सह-यात्रा करने वाले आंदोलनों, अभियानों और संगठनों की श्रेणी में कृषि और श्रमिक आंदोलन, विस्थापन-विरोधी संघर्ष, सामाजिक और पारिस्थितिक न्याय आंदोलन, मानवाधिकार आंदोलन, नारीवादी, युवा, अल्पसंख्यक, जाति-विरोधी आंदोलन, पारदर्शिता और जवाबदेही के लिए आंदोलन और साथ ही भोजन, आजीविका, शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा आदि के अधिकार के लिए आंदोलन शामिल हैं।

हममें से कई लोग जो पांच साल पहले पुरी, ओडिशा में पिछले राष्ट्रीय अधिवेशन (एन.ए.पी.एम के 25 साल, नवंबर 2019) का हिस्सा थे, उन्हें इस विविधता की ताकत याद होगी। कोविड महामारी और अन्य आंदोलनों (जैसे ऐतिहासिक किसान आंदोलन) में शामिल होने के कारण, हमारे राष्ट्रीय अधिवेशन में देरी हुई। हालाँकि, इस अवधि के दौरान, हमने मुंबई (जनवरी, 2020), भोपाल (जून 2022), पुणे (फरवरी 2023) और नागपुर (मार्च 24) में चार महत्वपूर्ण और चिंतनशील दो-दिवसीय राष्ट्रीय बैठकें कीं। इसके अलावा, वर्ष 2020-23 के दौरान, हमने कुछ महत्वपूर्ण अभियान और बैठकें आयोजित की थीं; जिनमें हम तो बोलेंगे, जन आज़ादी अभियान, नफ़रत छोड़ो संविधान बचाओ अभियान के साथ-साथ ज़मीनी आवाज़ें और युवा संवाद जैसी ऑनलाइन सीरीज़ शामिल हैं, जिसमें 180 से अधिक एपिसोड और पूरे भारत से 1,000 आंदोलन वक्ता शामिल रहे।  हम राष्ट्रीय स्तर पर संयुक्त किसान मोर्चा, भूमि अधिकार आंदोलन, भोजन का अधिकार अभियान, नरेगा संघर्ष मोर्चा, राज्य दमन विरोधी अभियान, इंडिया सोशल फोरम आदि सहित अन्य संयुक्त अभियानों/प्रयासों का भी हिस्सा रहे हैं और राज्य स्तर पर भी कई प्रयास हुए।

अपने 30वें वर्ष में, एन.ए.पी.एम ने समन्वय के संगठनात्मक-आंदोलनकारी निर्माण की दीर्घकालिक दृष्टि के तहत, कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बैठकों का आयोजन किया; जैसे एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय नदी घाटी मंच बैठक (होशंगाबाद, अप्रैल 2023), अखिल भारतीय स्वास्थ्य अधिकार अभियान (वाराणसी, जुलाई 2023), एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय किसानी मंच बैठक (हैदराबाद, जुलाई 2023), एन.ए.पी.एम अखिल भारतीय नारीवादी मंच बैठक (पुणे, अक्टूबर 2023), एन.ए.पी.एम: नज़र: न्याय, जवाबदेही और अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच बैठक (कोलकाता, नवम्बर 2023), एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय शहरी संघर्ष मंच (मुम्बई, जनवरी 2024) और अखिल भारतीय इंकलाबी युवा और छात्र मंच (लुधियाना, फरवरी 2024) का गठन हुआ। श्रमिकों के अधिकारों, जलवायु न्याय और सांस्कृतिक प्रतिरोध के लिए भी इसी तरह के प्रयास चल रहे हैं। संगठित, दीर्घकालिक, सामूहिक सोच एवं कार्य की दिशा में, जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय के ये सभी मंच महत्वपूर्ण रही हैं, जिसके द्वारा हम कई साथियों, समूहों व संगठनों को अपनी प्रक्रियाओं में शामिल कर पाए हैं।

हम 30वें वर्ष के राष्ट्रीय अधिवेशन के साथ-साथ, अधिवेशन से पहले के महीनों को स्वस्थ वैचारिक मंथन, संगठनात्मक, राज्य प्रक्रियाओं व एन.ए.पी.एम के राज्य इकाइयों को मज़बूत, सुव्यवस्थित करने, आगे की योजना बनाने तथा सामाजिक-आर्थिक, पारिस्थितिक न्याय, लोकतांत्रिक और संवैधानिक मूल्यों की सुरक्षा, व्यापक एकजुटता बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण चरण और अवसर के रूप में देख रहे हैं। महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, तमिलनाडु जैसे कुछ राज्यों ने पिछले साल से राज्य सम्मेलन / बैठक  आयोजित किए हैं, मगर कई अन्य राज्यों में अभी तक सम्मेलन नहीं हुए हैं। राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले इन बैठकों/प्रक्रियाओं की योजना बनाना और उन्हें पूरा करना और उस तैयारी और ताकत के साथ राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेना महत्वपूर्ण है।

इसके अतिरिक्त, हम राष्ट्रीय अधिवेशन में एन.ए.पी.एम के लिए दीर्घकालिक योजना तैयार करने, समकालीन विभिन्न आंदोलनों और अभियानों को सक्रिय और निरंतर एकजुटता प्रदान करने तथा एक नई और गतिशील राष्ट्रीय समन्वय समिति का चुनाव करने के लिए विस्तृत योजनाएँ बनाएंगे। इन सभी पहलुओं पर सार्थक चर्चा करने के लिए आपकी उपस्थिति बहुत महत्वपूर्ण है। कृपया अपनी यात्रा की योजना तुरंत बनाएँ और हमें सूचित करें। हैदराबाद में होने वाली इस महत्वपूर्ण अधिवेशन में रचनात्मक और सामूहिक चर्चाओं के लिए आपसे मिलने की उम्मीद है, जिससे ठोस और सार्थक कार्य आगे बढ़ेगा।

एकजुटता में,

एन.ए.पी.एम राष्ट्रीय कार्य समूह

फ़ोन संपर्क: 7054055393, 9701705743, 7337478993 / 9919664444
ई-मेल: napm...@gmail.com
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National Alliance of People’s Movements
National Office:  A/29, Haji Habib Bldg., Naigaon Cross Road, Dadar (E), Mumbai – 400014
Twitter and Instagram: @napmindia

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