जब कभी फोन यों ही लगाया करो - विजय वाते

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Sampurnanand

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Aug 17, 2010, 10:03:53 AM8/17/10
to FCI-JET'88

यार देहलीज छूकर न जाया करो, तुम कभी दोस्‍त बन कर भी आया करो
क्‍या जरूरी है सुख-दुख में ही बात करो, जब कभी फोन यों ही लगाया करो
बीते आवारा दिन याद करके कभी, अपने ठीये पे चक्‍कर लगाया करो
वक्‍त की रेत मुट्ठी में कभी रूकती नहीं, इसलिए कुछ हरे पल चुराया करो
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