विषय : खाद्य पदार्थों में मिलावट - नाममात्र का दंड।

5 views
Skip to first unread message

Sanjeev Goyal

unread,
Oct 5, 2025, 10:31:31 AM (23 hours ago) Oct 5
to dwarka-residents

PRSEC/E/2025/0056976


 

 

स्वस्थ जीवन सदैव से ही मानव की सबसे बड़ी आवश्यकता रहा है। आज स्वास्थ्य के लिए प्रदूषण व मिलावटी भोजन सबसे बड़े संकट के रूप में उभर कर या रहे हैं। प्रदूषण आज एक वैश्विक समस्या का रूप धारण कर चुका है। इससे निबटने का उपाय किसी एक व्यक्ति या संस्था के हाथ में नहीं है। किंतु खाद्य पदार्थों में मिलावट व्यक्ति विशेष के हाथ में होती है। कोई न कोई इसको अपने हाथ से या अपने निरीक्षण में करवाता है। हमारे देश में मिलावट के लिए भी बहुत ही ढीले ढाले नियम हैं। केवल कुछ वर्ष की सजा। अगर कोई आतंकवादी कुछ नागरिकों को मार देता है तो उसे मृत्यु दंड दिया जाता है किंतु एक मिलावट करने वाला जो हजारों लोगों को नित्य तिल-तिल मार रहा है उसे केवल नाममात्र का दंड? ये कैसा न्याय है?

 

नकली खाने से लाखों लोगों की किडनी, अँतड़ियाँ, गुर्दे सब खराब होते हैं बीमारी में आर्थिक बोझ से परिवार तबाह हो जाते है किंतु केवल कुछ वर्ष का कारावास? हज़ारों व्यक्ति असह्य रोगों की मार झेलते हैं हस्पतालों पर काम का बोझ बढ़ता है जिससे अन्य प्राकृतिक रूप से बीमार व्यक्ति चिकित्सा नहों करवा पाते, चिकित्सा सुविधाओं पर समाज का अनावश्यक बोझ बढ़ता है. बीमार लोगों की आय की हानि होती है जिससे परिवार तनाव में आता है.  यह तो सरासर अन्याय है। केवल एक लाख तक जुर्माना व अधिकतम 7 वर्ष की जेल? ये तो एक संवर्धन योजना की तरह है। सबको पता है की कानूनी उलझनों के चलते भारत में किसी को सजा दिलवाला कितना कठिन है, अगर कोई फंस भी गया तो केवल नाम मात्र की सजा? केमिकल से पके फल बेचना अपराध है, किंतु हर जगह ये बिक रहे हैं क्योंकि कोई सजा नहीं है।  जिन राष्ट्रों में नशीली दवाओं के लिए मृत्यु दंड दिया जा सकता है वहां इस अपराध की आवृत्ति नगण्य होती है, इस मॉडल को भारत, खाद्य पदार्थों में मिलावट के लिए, भी लागू कर सकता है.  

 

एक नकली केमिकल से घी, दूध, शहद बनाने वाली कंपनी लाखों लोगों का जीवन बर्बाद कर देती है सजा केवल एक लाख का जुर्माना। यह वास्तव में एक उपहास प्रतीत होता है। अगर लाखों लोगों को क्षति पहुंचाने पर इतनी से सजा है तो आतंकवादी को मृत्यु दंड क्यों?

 

जान बुझ कर आर्थिक लाभ हेतु हानिकारक तत्वों को खाद्य पदार्थों में मिला कर मनुष्य को तड़पा  कर मारने के केवल मृत्यु दंड ही एक मात्र सजा होनी चाहिए।  

 

विचारार्थ प्रस्तुत।  


--
मिलावटी घी ०३१०२०२५-min.jpg
Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages