विषय : प्रधान मंत्री आवास योजना

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Sanjeev Goyal

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Sep 5, 2025, 11:01:03 AM (4 days ago) Sep 5
to dwarka-residents

PMOPG/E/2025/0130567


 


संबन्धित कार्यालय : प्रधान मंत्री

 

Ø  अभी कुछ समय पूर्व असम सरकार ने गोलाघाट वन क्षेत्र में बसे अवैध प्रवासियों को खदेड़ने के प्रक्रिया प्रारम्भ की। निर्णय को चुनौती देते हुए प्रकरण सर्वोच्च न्यायालय तक गया वहाँ अवैध प्रवासियों ने यह तर्क दिया की उनके मकान प्रधान मंत्री आवास योजना के तहत बनाए गए हैं अतः उनहे ढहाया नहीं जा सकता। इससे बहुत ही असमंजस की सामाजिक व वैधानिक स्थिति उत्पन्न हो गई है जिसने निम्न प्रश्नों को जन्म दिया है ।

 

Ø  क्या सार्वजनिक धन अवैध निर्माणों के लिए प्रयुक्त हो सकता है?  

Ø  क्या प्रधान मंत्री आवास योजना में प्रतिभागियों की सहायता से पूर्व उनके भूमि स्वामित्व के दावों की कोई जांच नहीं की जाती? अगर ऐसा है तो पूर्ण योजना पर ही एक प्रश्न चिह्न लग सकता है।  

Ø  क्या सरकारी सहायता प्राप्त होने से अवैध निर्माण वैध करार कर दिये जाएँगे?

Ø  अगर जांच में कोई चूक हुई थी तो उसका दायित्व किस अधिकारी का है? 

Ø  अगर प्रतिभागियों द्वारा झूठे कागजात दिये गए थे तो उनकी भली प्रकार से जांच क्यों नहीं हो पाई?

Ø  इस निर्माणों पर व्यय धन की व्यर्थता हेतु कौन उत्तरदायी होगा? 

Ø  क्या दावेदार की नागरिकता की जांच के गई थी।  

 

अतएव अनुरोध है की

(1)   उपरोक्त की जांच की जाए तथा

(2)   आवास निर्माण से संबन्धित कोई भी वित्तीय सहायता प्रदान करने की प्रक्रिया का पुनरीक्षण किया जाए

 

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