PRSEC/E/2025/0038456
विषय : उपदान भुगतान
संबन्धित विभाग : केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड
उपदान : वर्तमान में उपदान नियमों के अंतर्गत सरकारी कर्मी को रु २५ लाख तक तथा अ-सरकारी कर्मी को रु २० लाख तक के भुगतान की अनुमति है. प्रथम दृष्टया सीमा राशि में यह असमानता मन मर्जी प्रतीत होती है. उपदान के भुगतान की सीमा का नियोक्ता की स्थिति से कुछ लेना देना नहीं है. यह भुगतान कर्मी को भविष्य के जीवन-यापन हेतु दिया जाता है. नियोक्ता सरकारी है या अ-सरकारी इससे क्या अंतर पड़ता है? उस पर धारा 10 के तहत आय कर नियमों के तहत सरकारी कर्मी को मिलाने वाला भुगतान कर के दायरे से बाहर है किन्तु बाकी कर्मियों के लिए रु २० लाख से अधिक भुगतान कर योग्य राशि में गिना जाएगा. यह दोहरे मापदंड कोई औचित्य नहीं रखते हैं. इन नियमों के समानीकरण की आवश्यकता है जिससे इस कृत्रिम भेद को समाप्त किया जा सके. यह भेदभाव संविधान में प्रदत्त समानता के सिद्धान्त का सरासर उल्लंघन है।