सम्बंधित विभाग : शहरी विकास मंत्रालय

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Sanjeev Goyal

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Jul 11, 2025, 10:30:48 AMJul 11
to dwarka-residents

PMOPG/E/2025/0098213


 

विषय  : अतिक्रमण

 

पूरे राष्ट्र में अतिक्रमण की समस्या भयंकर रूप लेती जा रही है। सड़क किनारे होने वाली बहुत सारी से घटनाओं का आरंभ एक चबूतरे से होता है।   

 

ऐसा देखा गया है की पहले एक चबूतरा बनाया जाता है,  तत्पश्चात कुछ समय उपरांत वहाँ एक और कुछ बड़ा पक्का ढांचा खड़ा कर कुछ मूर्तियाँ स्थापित कर दी जाती हैं जो की बाद में अतिक्रमण का रूप ले लेता है। विचारणीय विषय है की स्थल कर्मियों के नियमित निरीक्षण के दावे के उपरांत भी ऐसे कैसे नए-नए चबूतरे अस्तित्व में आते रहते हैं? क्या सभी स्थल कर्मी केवल झूठी रिपोर्ट देते हैं? इन चबूतरों को समय रहते ध्वस्त क्यों नहीं किया जाता समस्या को जान बूझकर बढ़ने क्यों दिया जाता है? कार्मिकों की मिलीभगत के बिना यह कृत्य संभव नहीं है।  

 

इस के अतिरिक्त अतिक्रमण का एक बड़ा कारण मजार भी उभर कर आई हैं। कैसे रातों रात सार्वजनिक भूमि पर मजार बन जाती है? यह भी सिविल विभाग की घोर लापरवाही व मिलीभगत का ही नतीजा है जो की सारे समाज के लिए एक गंभीर समस्या बन जाता है।  

 

अनुरोध है की सभी स्थल कर्मियों को यह सख्त निर्देश दिया जाए की कम से कम इन दो तरीकों से होने वाले कब्जे के बारे में अतिरिक्त सतर्कता बरतें. सार्वजनिक स्थान पर बनने वाली किसी भी कब्र व् वृक्ष तले चबूतरे पर विशेष निगाह रखें व् उसको तत्क्षण नष्ट कर दें.  कहीं भी ऐसा मामला आने पर सम्बंधित उत्तरदायी स्थल कर्मी तो तुरंत पदच्युत किया जाए.  तथा संबंधित वरिष्ठ अधिकारी भी द्वि मासिक आधार पर भौचक्क निरीक्षण कर इस तथ्य की पुष्टि करते रहें। 

 

इस सुरसा की आंत जैसी बढ़ती समस्या से निपटने के लिए शहरी विकास मंत्रालय देश में स्थित सभी सार्वजनिक निकायों को इस सम्बन्ध में अनुपालन हेतु उचित दिशा निर्देश जारी करे.  
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