| 14-12-25 | प्रात:मुरली ओम् शान्ति ''अव्यक्त-बापदादा'' | रिवाइज: 18-02-08 मधुबन |
विश्व परिवर्तन के लिए शान्ति की शक्ति का प्रयोग करो
| वरदान:- | हर कन्डीशन में सेफ रहने वाले एयरकन्डीशन की टिकिट के अधिकारी भव एयरकन्डीशन की टिकेट उन्हीं बच्चों को मिलती है जो यहाँ हर कन्डीशन में सेफ रहते हैं। कोई भी परिस्थिति आ जाए, कैसी भी समस्यायें आ जाएं लेकिन हर समस्या को सेकण्ड में पार करने का सर्टीफिकेट चाहिए। जैसे उस टिकिट के लिए पैसे देते हो ऐसे यहाँ “सदा विजयी'' बनने की मनी चाहिए - जिससे टिकिट मिल सके। यह मनी प्राप्त करने के लिए मेहनत करने की जरूरत नहीं, सिर्फ बाप के सदा साथ रहो तो अनगिनत कमाई जमा होती रहेगी। |
| स्लोगन:- | कैसी भी परिस्थिति हो, परिस्थिति चली जाए लेकिन खुशी नहीं जाए। |
अव्यक्त इशारे - अब सम्पन्न वा कर्मातीत बनने की धुन लगाओ
जैसे आपकी रचना कछुआ सेकेण्ड में सब अंग समेट लेता है। समेटने की शक्ति रचना में भी है। आप मास्टर रचता समेटने की शक्ति के आधार से सेकेण्ड में सर्व संकल्पों को समाकर एक संकल्प में स्थित हो जाओ। जब सर्व कर्मेन्द्रियों के कर्म की स्मृति से परे एक ही आत्मिक स्वरूप में स्थित हो जायेंगे तब कर्मातीत अवस्था का अनुभव होगा।