HM 05-12-2025

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God's Angel

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Dec 4, 2025, 8:12:22 PM (12 days ago) Dec 4
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05-12-2025
प्रात:मुरली
ओम् शान्ति
"बापदादा"'
मधुबन
“मीठे बच्चे - यह पतित दुनिया एक पुराना गांव है, यह तुम्हारे रहने लायक नहीं, तुम्हें अब नई पावन दुनिया में चलना है''
प्रश्नः-बाप अपने बच्चों को उन्नति की कौन सी एक युक्ति बताते हैं?
उत्तर:-बच्चे, तुम आज्ञाकारी बन बापदादा की मत पर चलते रहो। बापदादा दोनों इक्ट्ठे हैं, इसलिए अगर इनके कहने से कुछ नुकसान भी हुआ तो भी रेस्पान्सिबुल बाप है, सब ठीक कर देगा। तुम अपनी मत नहीं चलाओ, शिवबाबा की मत समझकर चलते रहो तो बहुत उन्नति होगी।

मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद-प्यार और गुडमॉर्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) बन्धन काटने की युक्ति रचनी है। ज़िगरी बाप से प्रीत रखनी है। बाप का सबको पैगाम दे, सबका कल्याण करना है।

2) दूरादेशी बुद्धि से इस बेहद के खेल को समझना है। बेगर टू प्रिन्स बनने की पढ़ाई पर पूरा ध्यान देना है। याद का सच्चा-सच्चा चार्ट रखना है।

वरदान:-संकल्प रूपी बीज को कल्याण की शुभ भावना से भरपूर रखने वाले विश्व कल्याणकारी भव
जैसे सारे वृक्ष का सार बीज में होता है ऐसे संकल्प रूपी बीज हर आत्मा के प्रति, प्रकृति के प्रति शुभ भावना वाला हो। सर्व को बाप समान बनाने की भावना, निर्बल को बलवान बनाने की, दुखी अशान्त आत्मा को सदा सुखी शान्त बनाने की भावना का रस वा सार हर संकल्प में भरा हुआ हो, कोई भी संकल्प रूपी बीज इस सार से खाली अर्थात् व्यर्थ न हो, कल्याण की भावना से समर्थ हो तब कहेंगे बाप समान विश्व कल्याणकारी आत्मा।
स्लोगन:-माया के झमेलों से घबराने के बजाए परमात्म मेले की मौज मनाते रहो।

अव्यक्त इशारे - अब सम्पन्न वा कर्मातीत बनने की धुन लगाओ

कर्मातीत बनने के लिए अशरीरी बनने का अभ्यास बढ़ाओ। शरीर का बंधन, कर्म का बंधन, व्यक्तियों का बंधन, वैभवों का बंधन, स्वभाव-संस्कारों का बंधन... कोई भी बंधन अपने तरफ आकर्षित न करे। यह बंधन ही आत्मा को टाइट कर देता है, इसके लिए सदा निर्लिप्त अर्थात् न्यारे और अति प्यारे बनने का अभ्यास करो।

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