[baba balaknath ji] चालीसा सिद्ध श्री बाबा बालक नाथ जी

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@m@ndeep m@@h@l

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Apr 25, 2011, 1:50:21 PM4/25/11
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जय बाबा बालक नाथ जय दया के सागर 
जय जय भक्त ज्ञान उजागर | 
शांत शवी मूरत अति पियारी 
अंग भिभूत दिगबर धारा |
हाथ में झोली चिमटा विराजे 
बाल सुनहरी शवी अति साजे |
गोऊ विप्रन के तुम रखवारे 
दुष्ट निकंदन उमा दुलारे |
तीनो लोक की बात को जानो
तीन काल क्षण में पहचानो |
तेरो नाम है जग में पियारा
तीनो ताप निवारण हारा |
नाम तुम्हारा जग में साँचा 
सुरिमत भक्त भूत पिशाचा |
राक्षिश यश योगिनी भागे
तुम्हारे चिंतन भै नहीं लागे |
विप्र विष्णु जी पिता तुम्हारे 
लक्ष्मी जी की आँख के तारे |
छोड़ सबी माया संसारी 
स्वामी हुए बाल ब्रह्मचारी |
शाह तलाईआं गायें चराई 
पौनाहारी छवि दिखलाई |
नित प्रीत वन में गायें चराते 
गोऊ विप्रन का दुःख मिटाते |
इहे भांति बीते कछु काला 
आए दतातरे कृपाला |
आतम ज्ञान को साक्षी जाना 
गुरु देव अपनों पहचाना |
तब पर्वत गिरिनार पे आए 
गुरु सेवा में मन लगाए |
पूरण जान गुरु अवसर पाये 
ऋषि मुनि ज्ञानी बुलवाये |
सिद्ध साध जोगी सब आए 
द्वारे आ कर अलख जगाये |
तब लक्ष्मी पुत्र बुलवाया 
दुधाधारी नाम रखाया |
सुम्रित पूरण हुई तपस्या 
गुरु प्रसन्न हो दीन्ही दीक्षा |
वर्षे पूषप दुनंद्वी बाजे 
सुम्रित नाम सबी दुःख भागे |
नाम तुम्हारा सब सुख दाता
भक्तों के सब कष्ट मिटाता |
नारद सारद सहित अहिंसा 
देवता आए दीन्ही असीसां |
रिधि सिधि नवनिधि के दाता 
असवार दीन पार्वती माता |
सदा रहो शंकर के दासा 
पूरण कीजो सब की आसा |
शिखर महेन्दर पर्वत आए 
बाराह वर्ष समादी लगाए |
वहाँ पार किन्ही घोर तपस्या 
प्राणी मातृ की किन्ही रक्षा |
इन्द्र लेने परिक्षा आयो 
मानी हार चरनन सिर नायो |
जगदम्बा नब दर्शन दीना 
गोद बिठाये आशीष दीना |
अजर अमर तुम सब हो जायो 
सब दुखीयों के कष्ट मिटायो |
सुमिरन करो यहाँ भी बेटा 
शिव को पायो शक्ति समेता |
आए शाह तलाईआं देवा 
गोऊ विप्रन की किन्ही सेवा |
पिछले जनम की याद जो आई 
माँ रतनो की गायें चराई |
गोरख लेने परीक्षा आयो 
मानी हार भरथरी पैठाओ |
बाराह साल सेवा थी कीनी 
रतनो ने पहचान न कीनी |
झूठ उलाहन दीया था जाकर 
बालक रूठ गए यह सुन कर |
खेत दिखाए हरे भरे सब 
रोटी लस्सी बहीं धरी सब |
धोलगिरी पर्वत पार आए 
राक्षिश मार गुफा में धाए |
श्रद्धा सहित जो रोट चढाये
मन वांछित फल तुरंत ही पावे |
जो यह पड़े बालक चालीसा 
हो सिधि साखी गोरीसा |
सेवक हो चरनन का दासा
कीजे नाथ हृदय में वासा |



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@m@ndeep m@@h@l द्वारा baba balaknath ji के लिए 4/25/2011 10:50:00 AM को पोस्ट किया गया
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