1. आदिवासी,मधेशी, अल्प्शंकियक देव जतिक संरक्छंन तथा आरक्षण ( जातीय
सूचीकरण ) सम्बन्धमे .
2. सामुदायिक - सामुहिक बिवाह सम्भंधमे .
3. अक्षयकोष बय्बस्थान्पन सम्बन्धमे
4. देव जतिक बिबिध समस्या सम्बंध्मे
समस्त देव स्वजातिय लोकनिसे बिनम्र अनुरोध आछी जे किर्पिया आपने सब
समस्त देव जति के पहिचान कराबैले चाहैछी कि नै कियक कि देव समाजके कोइभी
आन्तरिक छलफल कार्यक्रम मे काठमाडौँ मे रहनिहर देव जति के बुद्धिजिबी,
शालाकार लोक्नी सब कियो भी आबैले नाइके चाहैछी किया... यदि देव जतिके लेल
अखण हम सब यदि जागरुक नै होयाब ते हमर अहाके जतिके आस्तितव लोप भा जेत
तही हेतु अपने शब् देव समाज के कार्यक्रम मे आवस्य सहभागी होउ.अखण के
ब्रत्मान परिवेश मे जे देव जति मे अन्तर जातीय ( पहाडी अनीय जति ) बिबाह
जे भरहल अछ | और | प्रेम बिबाहके जे हम आहा जाके अरंज कर्के समस्त देव
समुदाय के कुछ महानुबाब लोक्नी सब जाके प्रोत्सहन क दै छि | इसलिए
समस्त देश विदेश मे रानीहर देव जति के महानुभाब के आब्गत होइके चाही कि
किर्पिया हम अह सब कियो मिल के . देव जति के हक हित संरक्छं के बरेमे
सोइच के एक अहँ मिशाइल कायम करु जे हमार अहाके जातीय पहिचान मे कोइ आच नै
आवक चाही... देव जति के बागेश्वरी सेवा समिति , भवानी सेवा समिति के
पदाधिकारी लोक्नी एक आपसमे लडाई झगडा क के हम आहा के अल्प शंखियक जति मे
त एकजुट होउ.. देव जतिके बिनाश अबश्य अछ तही हेतु. समय मे देव जति सब
जागरुक होइके आपन कुल्च्र, रहन सहन , भाषा और संस्कृति के बचाऊ..
समय : - अपरान्ह १ बजे
मिति : - २०६९ | ०१ | ३०
स्थान : - लिटिल फ्लावर स्कूल, ज्ञानेश्वर, काठमाडौँ
आयोजक
देव समाज