तो क्या होता..! (गज़लनुमा गीत ।)

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Feb 13, 2016, 11:05:25 PM2/13/16
to चिट्ठाकार

 तो क्या होता..! (गज़लनुमा गीत ।)


http://mktvfilms.blogspot.in/2016/02/blog-post.html


यादों की   जात, कुंवारी  होती तो, क्या  होता..!

हिज़्र की लाश, तुम्हारी  होती तो, क्या   होता..!


हिज़्र = जुदाई; कुंवारी = वर्जिन.

१.

छिन   लेता  चैन- ओ -अमन,  तेरे   पैमाने  से । 

किस्मत से   ऐसी   यारी   होती,  तो क्या होता..!


चैन-ओ-अमन= सुखचैन-शांति;  पैमाना= ज़िंदगी.

२.

तेज़  हो  जाती  है क्या धड़कनें,  हर  वस्ल में ?

हमें  भी, दिल की बिमारी होती, तो क्या होता..!


वस्ल=मिलन.

३.

गुमनाम मंज़िलों का सफर, सीधा नहीं  होता ।

पैने   काँटों  की  सवारी  होती  तो, क्या होता..!


मंज़िल=पड़ाव,मुकाम; सीधा=सरल,आसान. 

पैना= तीक्ष्ण;धारदार.

४.

ख़ुदकुशी  करने  पर  तुली  थी  कमज़ोर साँसें ।

और   शिकस्त   करारी   होती  तो  क्या होता...!


ख़ुदकुशी= आपघात; शिकस्त=हार,पराजय.


मार्कण्ड दवे - दिनांक - १३-०२-२०१६.


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