Subject: | ‘पंचनद शोध जर्नल’ के लिए सोशल मीडिया पर लेख आमंत्रित |
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Date: | Wed, 23 May 2012 16:22:45 +0530 |
From: | Surender Paul <suren...@gmail.com> |
To: |
पंचनद शोध संस्थान सामाजिक संवाद, राष्ट्र और मानव के हितों को परस्पर जोड़ने के प्रयास में पिछले छब्बीस वर्षों से सतत् संलग्न है। संस्थान समय-समय पर ज्वलंत मुद्दों पर सार्थक संवाद व सामाजिक मुद्दों पर शोध की गतिविधियों का संचालन व प्रकाशन भी करता है। उत्तर भारत में संस्थान अपने 27 अध्ययन केंद्रों के माध्यम से अपनी गतिविधियां संचालित कर रहा है जिनमें हिमाचल प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चण्डीगढ़ व दिल्ली प्रमुख हैं। इसके अतिरिक्त जम्मू में भी हमारी उपस्थिति है।
पंचनद शोध संस्थान प्रतिवर्ष अपनी शोध पत्रिका ‘पंचनद शोध जर्नल’ का प्रकाशन करता है जिसमें विशेषज्ञों द्वारा विषय केंद्रित शोध आधारित व विश्लेष्णात्मक लेखों का प्रकाशन होता है। वर्ष 2012 के लिए ‘सोशल मीडिया और समाज’ विषय निर्धारित है। आपसे अनुरोध है कि इस विषय पर शोध आधारित या विश्लेषणात्मक लेख (हिन्दी या अंग्रेजी में) इस अंक के लिए लिखें। सुझाव के रूप में कुछ शीर्षकों की सूची संलग्न है परंतु इसके अतिरिक्त भी विषय चुने जा सकते हैं। पत्रिका का प्रकाशन जून 2012 में करने का निर्णय किया गया है, अतएव यदि 31 मई तक आपका लेख प्राप्त हो जाएगा तो हमें सुविधा होगी। लेख भेजने का पता इस प्रकार रहेगाः
डाक से: प्रो. बृज किशोर कुठियाला
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय
विकास भवन, बी-38, महाराणा प्रताप नगर, ज़ोन-1,
भोपाल - 462011 (म.प्र.)
ई-मेल से panchna...@gmail.com
लेख के साथ आपकी फोटो/संक्षिप्त परिचय (लगभग 50 शब्द) एवं लेख की संक्षेपिका (लगभग 250 शब्द) भी अवश्य भेजें।
(प्रो. बृज किशोर कुठियाला)
पंचनद शोध संस्थान की वार्षिक पत्रिका ‘पंचनद’ के ‘सोशल मीडिया और समाज’ विषय पर केंद्रित वार्षिक अंक के लिए प्रस्तावित विषय
1. सोशल मीडिया और भारतीय समाज
2. सोशल मीडिया और लोकतंत्र
3. सोशल मीडियाः वास्तविक बनाम काल्पनिक
4. सोशल मीडिया के सामाजिक प्रभाव
5. सोशल मीडिया और जनांदोलन
6. सोशल मीडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा
7. सोशल मीडिया की हिंदी भाषा
8. सोशल मीडिया में व्यावसायिक संभावनाएँ
9. सोशल मीडिया की सामाजिक उपयोगिता
10. सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव, खतरे
11. सोशल मीडियाः नैतिकता और सेंसरशिप
12. सोशल मीडिया और साइबर कानून
13. सोशल मीडिया का सामाजिक और राजनैतिक चरित्र
14. सोशल मीडियाः निजता (प्रायवेसी) का संकट
15. सोशल मीडिया और मार्केटिंग
16. सोशल मीडिया और विज्ञापन का बाज़ार
17. सोशल मीडिया की सामाजिकता का यथार्थ
18. सोशल मीडिया और धर्म-संस्कृति
19. सोशल मीडियाः नये विकल्पों की तलाश (वैकल्पिक मीडिया)
20. सोशल मीडिया बनाम पारंपरिक मीडिया