मनुष्य खत्म हो रहे हैं, वस्तुयें खिली हुई हैं

2 views
Skip to first unread message

फ़ुरसतिया

unread,
Nov 19, 2006, 8:15:57 AM11/19/06
to

[सुपरिचित कथाकार अखिलेश का नाम हिंदी कथा पाठकों के लिये जाना-पहचाना नाम है। उनकी कहानी चिट्ठी में देश के तमाम पढ़े-लिखे युवा अपने को या अपने परिवेश को किसी न किसी न रूप में मौजूद पाते हैं। अखिलेश का एक आत्मक्थ्य नुमा लेख मेरे पसंदीदा लेखों में हैं। प्रख्यात साहित्यिक कथापत्रिका, ‘कथादेश’, के फरवरी २००० [...]


Home     Link    

Reply all
Reply to author
Forward
0 new messages