मुरशिद दे स्वागत दी तैयारी करिए
आओ मिलजुल सेवा सारी करिए
जिवें करे हुक्म हजूर मनिए
प्यार सत्कार भरपूर बंडिए
सब नूं ही जी जी हजूरी करिए
धन निरंकार जी-२ बोल बोलिए
बोलॉं बिच पयार वाला रंग घोलिये
दूर दिलों मैं दी बीमारी करिए
मिठा बोल सबनां दे दिल जितिए
मिशन दे सिद्धांत मन कर मनिए
आप कर फिर हुक्म जारी करिए
“मस्त” नहीं मौक़ा बार बार मिलदा
भागॉं नाल गुरु दा दीदार मिलदा
देके होका सचदा कम उपकारी करिए।