तेरी महफ़िल में..

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Narinder Kumar

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Jan 30, 2025, 6:16:06 PMJan 30
to dhan nirankar

धन निरंकार जी 🙏

तेरी महफ़िल में यार-२ होता है
वरना जमाने में तो इश्क़ खवार होता है

जिनको समझ ही नहीं है वफ़ा की -२
उनके पास कहॉं तेरा ऐतबार होता है

जो तोले तेरी रहमतों को मोह माया से -२
वो संत नहीं होता दुनियादार होता है

बड़ी बात है यह राज ए हक समझ लेना-२
वरना कहॉं यह जन्म बार बार होता है

जिसमें न हो शिरकत ए मोहब्बत “मस्त”-२
वो दिल ओ जहन बेकार होता है।

धन निरंकार जी🙏

ऐसा आशिक चाहिए
जो आशिक करदे यार का

ऐसा प्यारा चाहिए
जो तालिब करदे प्यार का

ऐसा सूझवान चाहिए
जो भेद बता दे संसार का

ऐसा जीतू चाहिए
जो दर्द बता दे हार का

“मस्त” वो राही चाहिए
जो पता कहे उस पार का।
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