कुछ लोग मुझे समझा रहे है की अब समय आ गया है की बाकी सारी जातियां भी जिनको आरक्षण नहीं है, वो भी आरक्षण की मांग करें।
उनको दो टूक-
मुझे मेरे देश ने, मेरे धर्म ने पहले से ही बहुत कुछ दिया है और मैं इस देश, धर्म का सदा ऋणी हूँ।
इसलिए मुझे आरक्षण नहीं चाहिए।
आज हमें इस आरक्षण की आवश्यकता नहीं वरन चारों तरफ से समस्याओं घिरे इस देश की सेवा करने की आवश्यकता है।
आओ इस देश, धर्म की सेवा में जो बनता है वो करें तथा दूसरों को भी प्रेरित करें।
हर हर महादेव।
जय हिंद, जय भारत।
वन्देमातरम्।