| प्रेमे धावत येई... माझा बापूराय! (अनुभव कथन) |
- परागसिंह पंडित, बरोडा |
| भक्तांसी तारण्या सिध्द माझा अनिरुध्द! (अनुभव कथन) |
- सृष्टीवीरा करंडे, मालाड
|
| अगाध शक्ति अघटीत लीला तव सद्गुरुराया! (अनुभव कथन) |
- मानसीवीरा पिंगळे, डोंबिवली
|
| माझी प्रत्येक हाक ऐकणारा माझा सद्गुरु! (अनुभव कथन) |
- मोहनावीरा देशपांडे, घोडबंदर
|
| सर्व तारुनी ‘तो’ नेई! (अनुभव कथन) |
- मिनलवीरा नातू, बोरिवली (प)
|
| अनिरुद्ध बापूंचा महिमा अपरंपार... (अनुभव कथन) |
- प्रकाशसिंह शेळके, शहादा, नंदुरबार
|
| माझा त्रिविक्रम भाग - १ |
- डॉ.योगीन्द्रसिंह जोशी
|