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अजनबी पर भरोसा करने
से मिला धोखा
एक किसान के बैलों
की जोड़ी में से एक बैल रोगी होकर
मृत्यु को प्राप्त हुआ। किसान
को खेती संबंधी कार्यो में परेशानी
होने लगी, क्योंकि एक बैल दो के
बराबर काम नहीं कर सकता था। इसलिए
उसने पशु हाट से ऊंचे दामों में
एक बैल खरीदा।
बड़ी ही प्रसन्नता
से भरा किसान बैल को लेकर अपने
घर लौट रहा था। मार्ग में उसने
एक स्थान पर रुककर पानी पिया।
वहां तीन चोर बैठे हुए थे। उनमें
से एक चोर किसान के साथ-साथ चलने
लगा और उसे बातों में उलझा लिया।
शेष दोनों चोर बैल
के पीछे चलने लगे। किसान चोर
की बातों में ऐसा खो गया कि अपने
बैल का बिल्कुल ही ध्यान न रहा।
उधर, पीछे चल रहे
दोनों चोरों में से एक ने बैल
के गले से रस्सी निकालकर अपने
गले में डाल ली और किसान के पीछे
चलने लगा। दूसरा चोर बैल लेकर
चंपत हो गया।
काफी देर बाद जब
किसान ने पीछे पलटकर देखा, तो
बैल के स्थान पर आदमी को देखकर
हैरान रह गया। उसने चोर से पूछा-
मेरा बैल कहां गया? चोर ने कहा-
मैं ही आपका बैल हूं। एक जादूगर
ने मुझे कुछ समय के लिए बैल बना
दिया था।
अब मैं अपने असली
रूप में आ गया हूं। यह कहते हुए
उसने अपने गले में से रस्सी निकाली
और चलता बना। किसान ने थोड़े
दिनों बाद कर्ज लेकर पैसा जुटाया
और फिर बैल खरीदने पशु मेले में
गया।
उसे अपने साथ हुई
ठगी याद थी, इसलिए उसने तय किया
कि बैल जान-पहचान वाले से खरीदेगा
और रास्ते में किसी से मेल-जोल
नहीं बढ़ाएगा। किसान ने यही
किया और इस बार वह बैल लाने में
सफल रहा।
वस्तुत: अनजान व्यक्ति
पर भरोसा करने का गलत परिणाम
निकल सकता है। इसलिए विश्वास
उसी पर करें, जिसकी परख कर चुके
हों।
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Regards
Sunder Pal Saini