भारत के जन-आंदोलनों को जोड़ते, 100 साप्ताहिक सत्र पूरे होने के उपलक्ष्य में: जनवरी'21 से दिसंबर'22
साथियों,
ज़िंदाबाद। उम्मीद है, आप सकुशल होंगे।
हम आपको इस रविवार शाम 6 बजे (18 दिसंबर) को ज़मीनी आवाज़ें श्रृंखला के एक विशेष सत्र (100वें संस्करण)में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
हमें खुशी होगी अगर आप इस लाइव सत्र में शामिल हो सकें और देश भर में लोगों के संघर्षों के लिए एकजुटता को और मजबूत करने और लोकतंत्र को गहरा करने के व्यापक संदर्भ में, श्रृंखला पर अपने विचार साझा कर सकें।
आप में से जो लोग संक्षिप्त लिखित संदेश भेजना चाहते हैं, कृपया उन्हें
napms...@gmail.com पर ई-मेल करें और हम सत्र के दौरान उन्हें पढ़ने का प्रयास करेंगे।
आप में से बहुत से लोग जो इस श्रृंखला का अनुसरण करते रहे हैं, जानते हैं कि ग्राउंडेड वॉइसेज़ / जमीनी आवाज़ें के रूप में, एन.ए.पी.एम ज़मीनी स्तर के आंदोलनों, पहलों और समकालीन सार्वजनिक महत्व के मुद्दों पर साप्ताहिक लाइव सत्र आयोजित करने का प्रयास कर रहा है।
जनवरी 2021 और दिसंबर 2022 के बीच, 100 सत्रों में सामाजिक, पारिस्थितिकीय और आर्थिक न्याय, संवैधानिक, लोकतांत्रिक और मानवाधिकारों, संस्थागत जवाबदेही, विकल्पों आदि से जुड़े आंदोलनों को रेखांकित किया गया, जिसमें देश के तमाम ज़मीनी तौर पर संघर्षरत लोगों की विभिन्न आवाज़ें एक साथ आईं।
महामारी के दूसरे वर्ष में एक विनम्र प्रयास के रूप में यह सिलसिला शुरू हुआ, और इसने जल्द ही गति पकड़ ली, क्योंकि ऐसे मुद्दों की संख्या बहुत थी जिन पर ध्यान देने की आवश्यकता थी, जिन संघर्षों को एकजुटता की आवश्यकता थी और ऐसे मसले जिन्हें हमारे लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरे के समय में, मुखरता प्रदान करने की आवश्यकता थी।
यह श्रृंखला बहुत से लोगों और संगठनों की सक्रिय भागीदारी और निरंतर समर्थन के बिना संभव नहीं होती, जिन्होंने श्रृंखला के विभिन्न चरणों में भाग लिया, जिसमें सत्रों की संरचना, संचालन जानकारी साझा करना, टेक्नोलॉजी, दस्तावेज़ीकरण आदि शामिल हैं। सभी को बहुत धन्यवाद और सलाम।
पिछले सभी ज़मीनी आवाज़ें के वार्तालाप नीचे दिए गए लिंक के साथ-साथ हमारे फेसबुक पेज पर भी देखे जा सकते है। कृपया इन्हें देखें और अपने नेटवर्क में साझा करें। एन.ए.पी.एम के नाम के साथ सार्वजनिक हित में किसी भी सामग्री का बेझिझक उपयोग करें।
हम लगातार साथियों की तलाश में हैं, जो विविध विषयों पर सत्रों को संचालित करने के इच्छुक हों, जो उपलब्ध समृद्ध सामग्री का रचनात्मक रूप से टेक्स्ट और वीडियो दस्तावेजीकरण कर सकते हैं और जो ज़मीनी आवाज़ें को आगे बढ़ा सकते हैं। यदि आप इनमें से किसी भी मोर्चे पर सहयोग करने में रुचि रखते हैं, तो बेझिझक हमें उपरोक्त आईडी पर एक ई-मेल भेजें।
18 दिसंबर को आपकी उपस्थिति और निरंतर एकजुटता की उम्मीद के साथ…
ज़िंदाबाद,
जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय (एन.ए.पी.एम) के ज़मीनी आवाज़ें आयोजन समूह में हम सभी की ओर से..