PMOPG/E/2025/0184855
संबंधित विभाग : लोक निर्माण विभाग, दिल्ली
बाहरी मुद्रिका पर IIT द्वार संख्या 1 के सामने सेवा मार्ग पर अतिक्रमण है। यहाँ पर एक दीवार का निर्माण किया गया है। चूंकि यहाँ केवल IIT उपथित है तो संभवतया ये उन्होंने ही बनाई होगी। इस दीवार के कारण इस मार्ग पर प्रवेश बाधित है। इस रुकावट को दूर करने हेतु मैं दस वर्ष से अधिक से पीडबल्यूडी को लिख रहा हूँ। किन्तु हर बार वे एक से एक नायाब बहाना बना कर इस टाल देते हैं। कभी कहते हैं कि अतिक्रमण हटाना MCD का काम है, कभी तर्क है कि चूंकि अब यहाँ निकट ही मैट्रो है तो इस दीवार को हटाना मैट्रो का काम है। अब कह रहे हैं की DDA मार्किंग करेगा तब हम कुछ करेंगे। यह स्पष्ट है की मोटा वेतन लेने वाले अधिकारियों ने बहानों की बजाय अगर इतना दिमाग इस दीवार को हटाने में लगाया होता तो ये काम कब का हो गया होता। मुझे लगता है की सभी अधिकारी पुरस्कार के योग्य हैं । काम कैसे नहीं किया जाए इसके लिए सबने पीएचडी कर रखी है।
अगर पीडबल्यूडी इस छोटी सी दीवार को हटाने के लायक भी नहीं है तो इतनी बड़ा विभाग सरकार ने किसलिए पाल रखा है। इनसे और क्या उम्मीद कर सकते हैं। अगर दीवार नहीं ध्वस्त कर सकते तो अनुरक्षण पर धन व्यय क्यों किया जा रहा है? स्थल निरीक्षण कर्मी क्या करते हैं?
मेरा अनुरोध है की इस कोताही से संबंधित सभी अधिकारियों का वेतन तुरंत प्रभाव से रोका जाए तथा उनके विरुद्ध सख्त विभागीय कार्रवाई की जाए।