PMOPG/E/2025/0187087
संबंधित विभाग : दिल्ली सरकार
दिल्ली में अभी भी बहुत से स्थानों पर उर्दू में सरकारी विभागों के सूचना पट्ट लगे हुए हैं। नई दिल्ली नगर निगम में तो सड़क संकेतक भी उर्दू में लिखे हुए हैं। क्या आज वास्तव में कोई है जिसको दिल्ली में इस उर्दू बोर्डों की आवश्यकता है? मुझे लगता है की इस उर्दू सूचना पट्टों की कोई उपयोगिता नहीं है। ऐसा करना सरकारी संसाधनों पर केवल एक बोझ है। उर्दू का संवर्धन इस विभागों का कार्य नहीं है, इसके लिए सरकार उर्दू अकादमी चला रही है और उनको अलग से वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही है । PWD सदैव से धन के अभाव का रोना रोता है, किंतु उर्दू बोर्ड सबसे अधिक यही लगाता है।
मेरा अनुरोध है की इस नीति के विषय में विचार किया जाए तथा इस तथ्य की जांच की जाए की वर्तमान समय में इन उर्दू बोर्डों की क्या उपयोगिता है, जिससे इनके स्थापना व अनुरक्षण पर किये जाने वाले व्यर्थ के व्यय को बचा कर अन्यत्र प्रयोग किया जाए ।