उत्तर
बिलकुल ब्लॉग प्रतिबन्धित किया जा सकता है।
इस का मूल अधीकार आपके ब्लॉग सेवा मालिक को है, जैसे ब्लॉगस्पॉट, उस सूरत
मैं आप सारा मसौदा खो देंगे
एग्रीगेटर सिर्फ आपको दिखाना बन्द कर सकता है।
सरकार, अपने आधिकारिक क्षेत्र में दिखाना बन्द कर सकती है।
(ब) एक बार ब्लॉग प्रतिबन्धित हो जाने के बाद उस पर डाली गई सामग्री क्या
वापस मिल सकती है?
उत्तर
अगर ब्लॉग सेवा मालिक प्रतिबन्धित करता है, उस सूरत मैं आप सारा मसौदा खो देंगे
(स) ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री को सुरक्षित (भविष्य के लिये कहीं और
उपयोग हेतु) रखने के क्या-क्या उपाय हैं? (सैकडों ब्लॉग्स को कॉपी-पेस्ट
करके कम्प्यूटर में रखना तो शायद नासमझी होगी)
उत्तर
ब्लॉगपोस्ट द्वारा ftp ya sftp सेवा का प्रयोग करें माल आपके सर्वर पर रहेगा।
विपुल
(अ) क्या किसी का ब्लॉग प्रतिबन्धित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो ऐसा
कौन-कौन कर सकता है, (१) एग्रीगेटर, (२) सम्बन्धित वेबसाईट, (३) सरकार...
9. What protections do I have against intrusions by the government into my use of Google services?इसी तरह से सभी होस्टिंग वालो की अपनी अपनी पालिसी होती है, यदि आपने उनके नियमों का उल्लंघन किया तो वे आपके ब्लॉग को बैन कर सकते है। अलबत्ता, आपको आपके ब्लॉग का बैक-अप दे दिया जाएगा।Google does comply with valid legal process, such as search warrants, court orders, or subpoenas seeking personal information. These same processes apply to all law-abiding companies. As has always been the case, the primary protections you have against intrusions by the government are the laws that apply to where you live.
एक बार ब्लॉग प्रतिबन्धित हो जाने के बाद उस पर डाली गई सामग्री क्या
वापस मिल सकती है
(अ) क्या किसी का ब्लॉग प्रतिबन्धित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो ऐसाकोई भी ब्लॉग किसी ना किसी ब्लॉगिंग होस्टिंग प्रोवाइडर के पास होस्टेड होता है, उदाहरण के लिए या तो आपका ब्लॉग ब्लॉगस्पाट पर होगा, वर्डप्रेस डाट काम या अपने सर्वर पर या फिर किसी और ब्लॉगिंग सेवा के पास। प्रत्येक सेवा प्रदाता की अपनी पालिसी होती है और उसी के अनुसार आपके ब्लॉग को बैन किया जा सकता है, उदाहरण के लिए ब्लॉगस्पाट की पालिसी को ही लें (Ref : FAQ of Blogspot Policy )
कौन-कौन कर सकता है, (१) एग्रीगेटर, (२) सम्बन्धित वेबसाईट, (३) सरकार...9. What protections do I have against intrusions by the government into my use of Google services?इसी तरह से सभी होस्टिंग वालो की अपनी अपनी पालिसी होती है, यदि आपने उनके नियमों का उल्लंघन किया तो वे आपके ब्लॉग को बैन कर सकते है। अलबत्ता, आपको आपके ब्लॉग का बैक-अप दे दिया जाएगा।Google does comply with valid legal process, such as search warrants, court orders, or subpoenas seeking personal information. These same processes apply to all law-abiding companies. As has always been the case, the primary protections you have against intrusions by the government are the laws that apply to where you live.
दूसरी तरह प्रत्येक एग्रीगेटर के भी अपने नियम होते है, उसी के अनुसार आपका ब्लॉग वहाँ पर पंजीकृत होता है। कुछ एग्रीगेटर शायद कुछ नियमावाली नही मानते, लेकिन आज नही तो कल, उसकी जरुरत उन्हे जरुर पड़ेगी। जहाँ तक नारद की बात है, उसके नियम स्पष्ट है, उन्हे यहाँ देखें।
लेकिन एग्रीगेटर का प्रतिबन्ध सिर्फ़ आंशिक होता है, उस एग्रीगेटर पर आपका ब्लॉग नही दिखेगा, बस। लेकिन आप लिखने के लिए स्वतन्त्र है। सिर्फ़ होस्टिंग वालों का प्रतिबन्ध ही पूरा प्रतिबन्ध होता है।एक बार ब्लॉग प्रतिबन्धित हो जाने के बाद उस पर डाली गई सामग्री क्या
वापस मिल सकती है
यदि आप उस ब्लॉग के लेखक है तो हाँ, यदि आप सिर्फ़ पाठक है , तो जवाब नही मे है।
आशा है आपके ज्ञान मे काफी बढोत्तरी हुई होगी।
धन्यवाद।
-जीतूOn 8/29/07, Suresh Chiplunkar <suresh.c...@gmail.com> wrote:(अ) क्या किसी का ब्लॉग प्रतिबन्धित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो ऐसा
कौन-कौन कर सकता है, (१) एग्रीगेटर, (२) सम्बन्धित वेबसाईट, (३) सरकार...
(ब) एक बार ब्लॉग प्रतिबन्धित हो जाने के बाद उस पर डाली गई सामग्री क्या
वापस मिल सकती है?
(स) ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री को सुरक्षित (भविष्य के लिये कहीं और
उपयोग हेतु) रखने के क्या-क्या उपाय हैं? (सैकडों ब्लॉग्स को कॉपी-पेस्ट
करके कम्प्यूटर में रखना तो शायद नासमझी होगी)
कृपया मित्रगण इस कम्प्यूटर अज्ञानी को ज्ञान बाँटें।
इस सवाल का जवाब पाने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि चिट्ठा है किसके अधीन।
पहला, चूँकि सामग्री किसी मशीन पर पड़ी है, अतः वह मशीन जिस देश व राज्य
में है, उसके नियम उस सामग्री पर लागू होंगे। इस प्रकार सरकार आपके
चिट्ठे का प्रकाशन रोक सकती है, और आप पर क़ानूनी कार्यवाही भी कर सकती
है।
उसी प्रकार, चिट्ठे का लेखक जिस देश में निवास कर रहा है, उसके क़ानूनों
को लागू करने की प्रक्रिया में भी सीधे चिट्ठे पर प्रतिबंध तो नहीं, पर
चिट्ठाकार पर क़ानूनी कार्यवाही हो सकती है। यही बात अखबारों के
संपादकों पर भी लागू होती है।
इसके अलावा, चिट्ठे के मालिक - यानि वह व्यक्ति जिसे चिट्ठे को संचालित
करने का अधिकार है, कई करारों में बँधा है -
1. अपने जाल सेवा प्रदाता (आईएसपी) के साथ करार,
2. अपने आतिथ्य (होस्टिंग) सेवा प्रदाता के साथ करार
3. यदि आप योगदाता हैं तो चिट्ठे के संचालक के साथ आपका (मौखिक या लिखित) करार
पहले दोनो करार व्यावसायिक हैं, और इनके अधीन, आप एक करार पर हस्ताक्षर
करते हैं, या स्वीकृति देते हैं। इन करारों में आपके कुछ अधिकार होंगे और
दूसरे दल के भी। एक तरह से यह किताब के लेखक और उसके प्रकाशक - प्रिंटिंग
प्रेस वाले - के बीच के करार की तरह है। पांडुलिपि आपकी है, पर छपाई की
मशीन नहीं। कई बार प्रिंटिंग प्रेस मात्र से अधिक का संबंध भी हो सकता
है, जिसमें पांडुलिपि पर आप अपने कुछ अधिकार प्रकाशक को दे देते हैं, धन
या शोहरत के बदले में।
> (ब) एक बार ब्लॉग प्रतिबन्धित हो जाने के बाद उस पर डाली गई सामग्री क्या
> वापस मिल सकती है?
यह आपके अपने प्रकाशक के साथ के करार पर निर्भर करता है, और इसपर भी
निर्भर करता है कि आपका प्रकाशक अपनी ज़िम्मेदार कितनी ईमानदारी से
निभाता है, और इस पर भी कि यदि प्रकाशक अपनी ज़िम्मेदारी ईमानदारी से
नहीं निभाता है, तो आप उस पर दबाव डालने के लिए क्या क्या कर सकते हैं,
और उन सब चीज़ों को करने में आपको कितनी सफलता मिलेगी।
> (स) ब्लॉग पर प्रकाशित सामग्री को सुरक्षित (भविष्य के लिये कहीं और
> उपयोग हेतु) रखने के क्या-क्या उपाय हैं? (सैकडों ब्लॉग्स को कॉपी-पेस्ट
> करके कम्प्यूटर में रखना तो शायद नासमझी होगी)
आपकी सामग्री की जिम्मेदारी, आपकी है, बाकी दल करारों के साथ तो आपसे
जुड़े हैं, लेकिन बाध्य नहीं है, चाहें तो वह करार का पालन न करते हुए,
खामियाजा (या शायद उन्हें कोई खामियाजा न हो) भुगत सकते हैं। अच्छा होगा
कि आप अपने चिट्ठे के पन्ने wget जैसे किसी उपकरण (गूगल पर देख लें) के
जरिए सँजोते रहें। इन्हें आप क्रमबद्ध सीडी में डाल सकते हैं।
> कृपया मित्रगण इस कम्प्यूटर अज्ञानी को ज्ञान बाँटें।
>
> >
>
--
Can't see Hindi? http://devanaagarii.net
2007/8/29, आलोक कुमार <al...@devanaagarii.net>:
> 2007/8/29, Suresh Chiplunkar <suresh.c...@gmail.com>:
> > (अ) क्या किसी का ब्लॉग प्रतिबन्धित किया जा सकता है? यदि हाँ, तो ऐसा
> > कौन-कौन कर सकता है, (१) एग्रीगेटर, (२) सम्बन्धित वेबसाईट, (३) सरकार...
>
> इस सवाल का जवाब पाने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि चिट्ठा है किसके अधीन।
जहाँ भी आपका चिट्ठा पढ़ा जा सकता है, उस देश का क़ानून वहाँ लागू होगा।
अतः वहाँ की सरकार को आपके चिट्ठे को प्रदर्शित न करने का अधिकार होगा,
भले ही आप वहाँ न रहते हों और न ही आपकी सामग्री। इस प्रकार आपके पाठकों
की संख्या में कमी आ सकती है।
एग्रिगेटर व संबंधित वेबसाइट आपके पाठक की तरह ही हैं, एक तरह से यही मान
सकते हैं कि वे आपके स्थल को पढ़ना बंद कर सकते हैं, तो इस प्रकार भी
पाठकों की संख्या में कमी आ सकती है। यही बात गूगल जैसे खोजी स्थलों पर
भी लागू होती है।
--
On 29 अग, 02:09, Suresh Chiplunkar <suresh.chiplun...@gmail.com>
wrote: