*जीवन के हर के पेह्लुसे आदर्श माना जानेवाला स्वावलंबी आदिवासी समुदाय आज बहुत हि नाजूक मोड पे है. परंपरागत ज्ञान, बौद्धिक एवं सांस्कृतिक सम्पदा, स्वावलम्बी अर्थव्यवस्था, आत्मनिर्भर जीवनशैली को मजबूत करने के लिए आदिवासी समुदायों को सक्षम करने के साथ-साथ तत्काल जरूरतों* को ध्यान में रखते हुए समाज से हि प्रयासो को मजबूत करणे हेतू १९९९ से अलग अलग प्रयोसो का अध्यान एवं अनुभवी लोगो से चर्चा विमर्श करके आदिवासी युवावोने आयुश (आदिवासी युवा शक्ती) नाम का २००७ से सोशल नेटवर्किंग के माध्यम से इस प्रयास की शुरुआत की और 2011 में पंजीकृत संस्था (आदिवासी युवा सेवा संघ) के माध्यम से प्रयत्न चालू है. और आज आपके मध्यम से महाराष्ट्र और अलग अलग राज्य मे भी आदिवासी युवावोको जोडके प्रयासो को मजबूत कर रहे है.
आयुश ज्ञान और कौशल साझाकरण द्वारा आदिवासी सशक्तिकरण के सहयोगी और रचनात्मक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक नेटवर्किंग मंच है। सभी व्यक्तियों / संगठनात्मक ऊर्जा का उपयोग सामान्य दृष्टि और सतत आदिवासी विकास के दिशा के लिए करना और अनुवाद करना। इसे साथ मिलकर करतें हैं!
आदिवासी पारंपारिक ज्ञान जतन करके रोजगार निर्मिती उपक्रम (आदिवासी कला जतन – वारली चित्रकला) कर रहे है.
मार्गदर्शक तत्व :
*माती* (लाल मिट्टी, गेरू – सांस्कृतिक ओळख) : बौद्धिक आणि सांस्कृतिक संपदा, पारंपरिक ज्ञान जतन करके इस विषय मे जागरूकता के लिये प्रयास करणा
*पाणी* (तंत्रज्ञान और गती) : नया तंत्रज्ञान और कौशल्य विकास करके स्पर्धात्मकता को बढावा देना
*चावूल* (उर्जा एवं स्वावलंबन) : रोजगार निर्मिती के साथ समुदाय का आर्थिक स्वावलंबन मजबूत करणा
आपके जानकारी के लिये एप्रिल महिने के कार्यक्रम दिये है.
*१) CSR प्रपोजल मिटिंग* -
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के मुंबई कार्यालय मे वारली चित्रकला के उपक्रम एवं उपक्रम के बारेमे CSR प्रपोजल का प्रेझेन्टेशन सचिन दादा सातवी, चेतन दादा गुरोडा, बबलू दादा वाहुत, प्रांजन दादा राउत ने दिया. उनके टीम के सुझाव के अनुसार आवेदन जमा किया है. अगर यह प्रकल्प यशस्वी होता है तो ३ साल के लिये विविध रोजगार निर्मिती एवं कौशल्य विकास के उपक्रम किये जायेंगे.
*२) प्रदर्शन : वस्त्र मंत्रालय के औरसे भौगोलिक उपदर्शन प्रदर्शनी* –
पेहली बार वस्त्र मंत्रालय के “TEXTILES COMMITTEE” द्वारा आयोजित दिल्ली मे दिल्ली हाट १ मे से १५ मे तक प्रदर्शनी लगी है. देश भरकी १६८ नोंदणीकृत भौगोलिक उप्दर्शन भाग लेंगे. आयुश कि ओरसे ४ कलाकार भाग ले रहे है. राजेश दादा रडे (आलोंडे, विक्रमगड तालुका), जाणू दादा रावते (रायतली, तालुका डहाणू), विजय दादा वाडू (गांजाड, तालुका डहाणू), कमलेश दादा धुलसाडा (गोखाडी) भाग ले रहे है. दिल्ली प परिसर के पाठक जरूर भेट दे.
*३) राष्ट्रीय कार्यशाला – “भौगोलिक उपदर्शन नियम एवं बौधिक संपदा विशेष करके वस्त्र एवं हस्तकला ओका संरक्षण”*
इस विषय पर विघ्यान भवन मे ५-६ मे दिल्ली मे राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित कि गयी है. आयुश कि और से सचिन दादा सातवी, डॉ सुनिल दादा पऱ्हाड भाग ले रहे है. 5 मे को शामको आदिवासी मोमेंट से जुडे लोगो से चर्चा करणे का विचार है, अगर आपसे कोई इच्छुक है तो जरूर संपर्क करे
कार्यशाला के बारेमे संक्षिप्त मे
The Trade Related Intellectual property rights (TRIPS) agreements signed under the frame work of the world date organization (WTO) has included Geographical Indication (GI) as one of the intellectual property rights (IPRs). India, being a signatory to the agreement has also enacted a GI act 1999 and rule 2003 for the protection of unique products of the country.
The Ministry of Textiles has tasked Textiles Committee to organise a one & half day National Workshop at Vigyan Bhawan, New Delhi on 5th & 6th May, 2017. The theme of the workshop is "IPR Protection of unique textiles & handicrafts through Geographical Indication (GI) and Post-GI initiatives".
*Agenda*
1) Legal Framework and registration process
2) Promotion and marketing of GI Registered products
3) Quality assurance
4) Raising awareness
5) Strengthening Enforcement and activation of producer Group to take the benefits of GI registration through participation of eminent national and international experts/speakers in the area
Around 400 to 500 participants comprising of GI registered Users, National Awardee, Exporters, Researchers, Trade & Industry associations, state and central government authorities etc expected to participate in 1.5 Day National workshop
*४) महिला विशेष* –
आदिवासी जीवन महिला सशक्तीकरण एवं स्त्री पुरुष समानता के लिये आदर्श मनी जाती है. परंतु बदलते हुवे समय मे (अन्य लोगोका अंधानुकरण के कारण) समाज मे महिलो के सन्मान के परंपरा का जागरण क करणे कि आवशकता है. सह्याद्री परिसर मे सोयीन, सवासीन, धवलेरी, कऱ्हवली, इत्यादियोन्का सांस्कृतिक महत्व एवं सामाजिक कार्य मे योगदान, आर्थिक स्वावलंबन मजबुतीके लिये एक नया उपक्रम कि सुरवात करा रहे है.
हस्तकला, कारागिरी, कपडे बनाना, पेंटिंग करणा, ग्रीटिंग कार्ड बनाना, गिफ्ट वस्तुये बनाना एवं करणे मे दिल्जस्बी है तो अप संपर्क करके उपक्रम मे सहभागी हो सकती है. प्रयोग कि तोर पे ५० महिलाओका समूह से सुरवात करनी है.
*५) आदिवासी कलाकृती निर्मिती*-
- बंगलोर से चष्मा बनाने वाली वूडीयम कि ओरसे नया डीझायीन बनाया जा रहा है . संजय दादा पऱ्हाड ने डीझायीन बनाके दिया है. जल्द ही लेजर प्रिंट करेंगे.
- मुंबई के वेलिंगकर institute से उनके यहा भेट देनेवाले मंत्रिमंडळ गिफ्ट करणे के हेतू १२ वारली चित्र मंगाये थे संजय दादा पऱ्हाड ने तुरंत पहुचा दि
- चेन्नई के पुरो क्राफ्ट के १० चित्र शर्मिला ताई घाटाळ जी ने पुरी कि
*६) मुंबई छत्रपती शिवाजी महाराज संग्रहालय कलाकृती विर्की केंद्र* –
यहा के विक्री केंद्र मे आदिवासी कलाकृती विक्री करणे हेतू आयुश का पंजीकरण प्रक्रिया पूर्ण हो गयी है. जिन कलाकारोको अपनी कालाकृतीया तुरंत आयुश कार्यालय मे जमा करे. दुसरे राज्याके आदिवासी कलाकारो से भी संपर्क अपेक्षित है.
*७) सुवास ट्रस्ट सारी चित्रीकरण प्रकल्प* –
प्रसाशाकीय सेवा के निवृत्त अधिकारी ओने सामाजिक कार्य करने हेतू अलग अलग उपक्रम कि सुरवात कि है. मधुबनी एवं अलग अलग कलाकृती के साथ कलाकारोका आर्थिक मजबुतीकरण सुरु है. वारली चित्रकला के लिये भी ऐसे हि प्रयास सुरु करणे हेतू उन्होने आयुश को संपर्क किया था. नमुना के लिये sample प्रोडक्ट्स भेजे है. उसपे चित्रकला करके चेक करणे के बाद कोइतम्बुर, सुरत, पश्चिम बंगाल एवं विविध स्थालोसे अलग अलग प्रोडक्ट्स कलाकृती बनाने के लिये भेजे जायेंगे.
८) *चलो अब e मार्केट मे स्पर्धा करते है*
वारली चित्रकला के प्रोडक्ट्स के लिये आयुश का वेब सायीट एवं ई कॉमर्स वेब है हि (www.warlikala.com & www.warli.in ) उसके साथ अलग अलग बडी काम्पानियो के साथ जोडना अधिक उपयोगी एवं प्रभावी बनयेगा.
*पंजीकरण पूर्ण* – मार्केटिंग के लिये तयार : फ्लिपकार्ट, अमेझॉन, इबाय , एक्स्पोर्ट्स इंडिया , उंगली डील, पेटीएम, ciitrade.in, Shilpakala.com, artsofindia.com, greatindianbasket.com, loveknits.org, indiakala.com, theartbazaar.in, BuffyFish, Unexplora, Puro Kraft, हस्त वेमा.
– और यह सूची बढते जा रही है
– इंडिया मरट पे १ महिने के लिये विशिष्ट सभासदत्व का पंजीकरण कारवाया है. रेस्पोंस के उपर अगे नियोजन होगा.
*९) कलाकार पहचान पत्र* :
पहचान पत्र बनवणा साझा करणे हेतू २५ मार्च को आयुश कि ओरसे कासा मे क्यंप लागाय था और उसके बाद ऑफ लायीन प्रक्रीयासे अनेकोके फोर्म संजय दादा पऱ्हाड ने मुंबई के मिनिस्ट्री ऑफ टेक्सटाईल तर्फे डेव्हलपमेंट कमिशनर (हँडीक्राफ्ट) कार्यालय मे जमा केली.
*१०) संक्षिप्त मे कूच और*
आय आय टी मुंबई मध्यम से आदिवासी युवा ओको IT मे रोजगार निर्मिती हेतू चर्चा चाली थी, उसके मध्यम से डहाणू के अनुजा ताई दुमाडा और प्रणाली ताई हरपाले नागपूर क एक प्रकल्प मे कार्य सुरु किया है. उन्होने SNDT महाविद्यालय मे इन्फोर्मेशन तेक्नोलोजी मे बी टेक किया है
*११) आयुश संचय निधी*–
- पवई मुंबई से श्रावणी ताई सातवे कि ओर से रु १,००० और ~40 कपडे मिले
- संजय दादा पऱ्हाड कि ओरसे रु ५,२००/- मिले
- शर्मिला ताई घाटाळ कि ओरसे रु २,५००/- मिले
- मुंबई अंधेरी से कलाकार और वेबसाईट बनानेवाले जाहिद शेख जिने वारली चित्रकला कि वेब साईट डिझाईन करके देने के लीये तयारी दर्शायी है
*१२) सहकार्य एवं सहभाग* – आप आपके रुची के अनुसार इस प्रकल्प को अधिक प्रभावी बनाने के हेतू आप सहभाग एवं साहाय कर सकते है.
*#वारली चित्रकला विषयक विविध उपाक्रमोके बारेमे अधिक जानकारी के लिये यहा पढिये: https://groups.google.com/forum/#!tags/adiyuva/Warli
आयुश से जुडणे लिये यहा क्लिक करके फोर्म भरे (www.join.adiyuva.in)
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AYUSHonline team
आयुश | आदिवासी युवा शक्ती
www.adiyuva.in | www.warli.in । ०९२४६ ३६१ २४९
Warli Painting is registered geographical Indication, Its Traditional knowledge and cultural Intellectual of Adivasi community!
Aim of this Initiative through Warli Painting
*माती* : Land – Preserve our Cultural Intellectual & Traditional Knowledge
*पानी* : Water – Earn competitiveness by Skill Development and promote Traditional knowledge through New technology
*चावूल* : Rice – Enable Artisan and Adivasi community for strengthening its sustainable economy by employment generation