Guru Dasakam by Kanchi Kamakoti peetham Kanchipuram young जगद्गुरु संकाराचार्य विजयन्द्र सरस्वती रचयीत HH Bala Periva Here is the beautiful 10 slokas composed by HH Balaperiyava on Mahaperiyava.
श्रुति स्मृति पुराणोक्त धर्म मार्ग रतम् गुरुम् ।
भक्तानाम् हितवक्तारम् नमस्ये चित्त शुद्धये ।।
अद्वैतानन्द भरितम् साधूनाम् उपकारिणम्।
सर्व शास्त्रविदम् शान्तम् नमस्ये चित्त शुद्धये ।।
कर्म भक्ति ज्ञानमार्ग प्रचारे बद्द कङ्कणम्।
अनुग्रह प्रदातारम् नमस्ये चित्त शुद्धये ।।
भगवद्पाद पादाब्ज विनिवेषित चेतसः।
श्री चन्द्रशेखर गुरो: प्रसादो मयि जायताम्।।
क्षेत्र तीर्थ कथाभिज्ञः सच्चिदानन्द विग्रहः ।
चन्द्रशेखर वर्योमि सन्निधत्ताम् सदाहृदि ।।
पोषणे वेदशास्त्राणाम् दत्त चित्तमहर्णिशम् ।
क्षेत्र यात्रारतम् वन्दे सद्गुरुम् चन्द्रशेकरम् ।।
वेदज्ञान् वेदभाष्यज्ञान् कर्तुम् यस्य समुद्यमः ।
गुरुर्यस्य महादेवः तम् वन्दे चन्द्रशेकरम् ।।
मणिवाचक गोदादि भक्ति वागमृतैर्भृशम् ।
बालानाम् भगवद् भक्तिम् वर्धयन्तम् गुरुम् भजे ।।
लघूपदेशैर्नास्तिक्य भावमर्दन कोविदम् ।
शिवम्! स्मितमुखम्! शान्तम्! प्रणतोस्मि जगद्गुरुम् ।।
विनयेन प्रार्थयेहम् विद्याम् बोधय मे गुरो!
मार्गमन्यम् न जाने अहम् भवन्तम् शरणम् गतः ।।