उत्तर प्रदेश में सरकारी आवासीय संस्थाओं से संपत्ति खरीदने वालों को
बड़ी राहत देते हुए मायावती सरकार ने आवंटन मूल्य पर सपंत्ति के
रजिस्ट्रेशन की सुविधा देने का फैसला किया है।
अब विकास प्राधिकरणों व आवास विकास परिषद या अन्य सरकारी संस्थाओं से भवन
या भूखंड खरीदने वालों को रजिस्ट्रेशन कराने पर डीएम सर्किल रेट के हिसाब
से स्टांप शुल्क नही देना पड़ेगा। मायावती सरकार के इस फैसले से राज्य के
2 लाख से ज्यादा भवन-भूखंडों के आवंटियों को राहत मिलेगी। सरकार ने आज ही
कर एवं निबंधन विभाग को इस आशय की अधिसूचना जारी करने को कहा है।
सरकार के इस फैसले से सबसे ज्यादा राहत नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद,
लखनऊ और कानपुर के आवंटियों को मिलेगी, जहां डीएम सर्किल रेट काफी ज्यादा
है। आवास विभाग के मुताबिक इस फैसले के तहत आवंटी अब अपनी संपत्ति की
रजिस्ट्री 31 मार्च 2012 तक घटी दरों पर करा सकेंगे। गौरतलब है कि विकास
प्राधिकरणों अथवा आवास विकास से भवन या भूखंड खरीदने वालों को छह महीने
के भीतर संपत्ति की रजिस्ट्री कराने पर उन्हें डीएम सर्किल रेट के हिसाब
से स्टांप शुल्क नही देना पड़ता है।
ऐसे आवंटियों को संस्था की ओर से आवंटित दर के मुताबिक स्टांप शुल्क अदा
करना पड़ता है। इस अवधि के बीत जाने के बाद आवंटी को डीएम सर्किल रेट के
हिसाब से स्टांप शुल्क अदा करने पर ही रजिस्ट्री करानी पड़ती है। उदाहरण
के लिए लखनऊ के गोमती नगर के ज्यादातर इलाकों में संपत्ति का आवंटन 4000
रुपये प्रति वर्ग फुट के दाम पर हुआ है जबकि वहां डीएम सर्किल रेट इस समय
12000 वर्ग फुट है। ऐसी दशा में गोमतीनगर में संपत्ति की रजिस्ट्री कराने
पर आवंटी को तीन गुना ज्यादा स्टांप शुल्क अदा करना होता था।
पूर्व में सरकार समय समय पर विकास प्राधिकरणों व आवास विकास परिषद से भवन
या भूखंड खरीदने वालों को स्टांप शुल्क में छूट का लाभ देती रही है। बीते
18 महीनों से सरकार की ओर से छूट का ऐलान न होने पर प्राधिकरणों और आवास
विकास में लाखों की तादाद में संपत्तियों की रजिस्ट्री का काम रुका हुआ
था। अब इस आशय की अधिसूचना जारी होने के बाद संपत्तियों के निबंधन के काम
में तेजी आएगी। सरकार के इस फैसले का सीधा लाभ कर एवं निबंधन को भी होगा,
जहां स्टांप शुल्क से होने वाली आय में इजाफा होगा। इस फैसले के बाद अब
राज्य के ज्यादातर विकास प्राधिकरणों ने संपत्तियों के निबंधन के लिए
विशेष शिविर लगाने की तैयारी की है। लखनऊ विकास प्राधिकरण में निबंधन के
विशेष शिविर दिसंबर माह से लगाए जाएंगे।
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