You do not have permission to delete messages in this group
Copy link
Report message
Show original message
Either email addresses are anonymous for this group or you need the view member email addresses permission to view the original message
to
ॐ साईं राम
बाबाजी ने सुनी है मेरी पुकार,
बुलाया है मुझे अपने दरबार,
दरबार में
साईं जी के,
हर पाप मिट जाते है,
अपने दुखो को भूलकर,
खुशियाँ
हम पाते है,
साईं के दरबार में,
आता है मुझे करार,
इसीलिए बाबाजी
से मैंने,
की थी फरियाद,
बाबाजी ने सुनी है मेरी पुकार,
बुलाया है
मुझे अपने दरबार ,
समाधी मंदिर जाकर,
दर्शन साईं के
पाऊँगी,
अपना सब हाल बाबा को सुनाऊंगी,
बस एक बाबा ही तो,
सुनते है
मेरी फरियाद ,
और क्यों जाऊं मैं,
किसी और के द्वार,
बाबाजी ने सुनी है
मेरी पुकार,
बुलाया है मुझे अपने दरबार,
द्वारकामाई की गोद
में,
नींद प्यारी मुझे आती है,
वह पर मेरे साईं की ,
परछाई नज़र
मुझे आती है,
करते है साईंजी,
मुझसे भी बहुत प्यार,
इसीलिए साईंजी
ने बुलाया है,
मुझे अपने दरबार
बाबाजी ने सुनी है मेरी
पुकार,
बुलाया है मुझे अपने दरबार
अगर नज़रे साईंजी को देखना चाहें तो आँखों का
क्या कसूर,
हर वक़्त खुशबु साईं की आये तो साँसों का क्या कसूर,
सपनों में
साईंजी शिर्डी बुलाये तो रातों का क्या कसूर
यह अरदास बाबा जी की लाडली बेटी बहन आँचल के द्वारा बाबा जी को भेंट की गई | बाबा की कृपा सदा बनी रहे |
-: आज का साईं सन्देश :- बाबा जी के चरित से, श्रद्धा भक्ति जगाय | हृदय बैठ हेमांड के, बाबा ही लिखवाय ||
गोविन्द जी दाभोलकर,
अब हेमांड कहाय |
नया नाम कैसे मिला,
वे खुद ही समझाय ||