नमो नमः विद्वद्भ्यः
पुस्तकम् एतत् लभ्यते वा इदानीम् इति विज्ञातुमिच्छामि, कृपया सूच्यताम् ॥
Online जालपुटे pdf प्राप्यते परन्तु अक्षरमुद्रणं तावत् स्पष्टं नास्ति इदानीम् ॥
क्रयणं पुस्तकापणे Purchasing at Bookstore एव वरम् इति मत्त्वा पृच्छामि भवतः ॥
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सिद्धान्तकौमुदी - भट्टोजिदीक्षितैः विरचितग्रन्थः इत्यस्य
अनुवादं व्यख्यया समेतं पुस्तकं
By
SaradaRanjan Ray VidyaVinod (Late Principal, Vidyanagar College, Calcutta) October 1926.
&
Kaviraj Kumudranjan Ray Bhisagacharya
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Published by Kumudranjan Ray, 1926
of Sv. Ray & Co., 90-4 A Hariach Road, Calcutta
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धन्यवादः
चन्द्रशेखरः
संस्कृतछात्रः